क्या आप कम मेहनत के साथ अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं? अगर हाँ, तो दूधिया मशरूम की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह खेती न केवल किसानों, बल्कि किसी भी व्यक्ति द्वारा की जा सकती है और बाजार में इसकी उच्च मांग के कारण अच्छी कीमत मिलती है।
दूधिया मशरूम की खेती कैसे करें?
दूधिया मशरूम, जिसे मिल्की मशरूम भी कहते हैं, में भरपूर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन और खनिज पाए जाते हैं। इसे उगाने के लिए 25 से 35 डिग्री तापमान और 80 से 90 प्रतिशत आर्द्रता की जरूरत होती है। आप इसे ज्वार, बाजरा या मक्के के पुआल और गन्ने की खोई जैसी सूखी अवशेषों में उगा सकते हैं।
खास बात यह है कि दूधिया मशरूम की खेती खेतों में नहीं, बल्कि कमरे में भी की जा सकती है। बस, जगह को साफ रखना जरूरी है। मशरूम के ढक्कन को तोड़कर और उसके तने से जुड़ी मिट्टी को काटकर एक पॉलीथिन की थैली में भरकर रोपण किया जाता है।
कितनी लागत और कितना मुनाफा?
एक किलो सूखे पुआल की थैली से लगभग एक किलो दूधिया मशरूम प्राप्त हो सकता है। यानी एक बार रोपण के बाद बस साफ-सफाई का ध्यान रखना है और अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस खेती में लागत बहुत कम आती है। लगभग 10 से 15 रुपये प्रति किलो की लागत से उगाए गए दूधिया मशरूम को बाजार में 150 से 250 रुपये प्रति किलो तक बेचा जा सकता है। इससे साफ पता चलता है कि इस खेती में कितना मुनाफा है।