आज हम बात कर रहे हैं स्पिरुलिना की, जो एक खास तरह का शैवाल (water plant) है। ये गहरे समुद्र में तो नहीं, बल्कि मीठे पानी की झीलों और तालाबों में पाया जाता है. इसका सेवन अंतरिक्ष यात्री भी खूब करते हैं।
लेकिन हम जिस स्पिरुलिना की बात कर रहे हैं, वो दरअसल इसी शैवाल से बनाई जाने वाली टेबलेट है, जो हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है.
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स्पिरुलिना के फायदे
- शरीर को स्वस्थ रखने में स्पिरुलिना काफी मददगार है।
- ये मधुमेह को नियंत्रित करने, वजन घटाने और दिल का ख्याल रखने में मदद करता है।
- साथ ही ये कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
- उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में ये कारगर है।
स्पिरुलिना की खेती
स्पिरुलिना की खेती के लिए सबसे पहले जरूरी है पानी। इस पानी का pH लेवल 9 होना चाहिए. इसके बाद बारी आती है बीज की। जिसे ” मदर स्पिरुलिना” कहा जाता है। इसे कपड़े में लपेटकर पूरे तालाब या उस क्षेत्र में घुमाया जाता है जहां इसकी खेती की जा रही हो।
सूरज की रोशनी, पानी और कार्बन डाईऑक्साइड (CO₂) स्पिरुलिना उगाने के लिए सबसे जरूरी चीजें हैं। इसकी खेती दो से तीन महीने में हो जाती है।
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मुनाफे का सवाल
अगर खेती की बात करें तो स्पिरुलिना की खेती से अच्छी कमाई की जा सकती है। इसकी कीमत बाज़ार में ₹700 प्रति किलो के करीब है। एक से दो एकड़ के क्षेत्र में इसकी खेती करके कुछ ही महीनों में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आपको तकरीबन 50 से 70 हज़ार रुपये तक का मुनाफा हो सकता है।