सोयाबीन की फसल को 50-60 दिनों तक खरपतों से बचाना बहुत जरूरी है. ऐसा ना करने से फसल का अच्छा उत्पादन नहीं हो पाता है. भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने सोयाबीन किसानों को 24 जुलाई से 30 जुलाई तक साप्ताहिक सलाह दी है. संस्थान ने किसानों को सलाह दी है कि वे सोयाबीन की फसल को 50 से 60 दिनों तक खरपतों से दूर रखें.
खरपतों से बचाव की विधि
सोयाबीन की फसल को 50 से 60 दिनों तक खरपतों से बचाना चाहिए. इसके लिए निराई, डोरा या कुल्पा का इस्तेमाल या खड़ी फसल में इस्तेमाल होने वाले herbicides (सूची-1) का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए 20 और 40 दिन की फसल में दो बार निराई करें या 25 दिन के लिए अपनी सुविधा के अनुसार डोरा/कुलपा या अनुशंसित herbicides का छिड़काव करें.
अगर खेत में डोरा, कुल्पा, ट्रैक्टर चालित डोरा या बूम स्प्रे का उपयोग करना संभव नहीं है, तो जेट ट्रैक्टर को मेड़ या सड़क पर खड़ा करके लंबी पाइप का उपयोग करके छिड़काव किया जा सकता है.
सोयाबीन की खड़ी फसल में कारगर herbicides की सूची
बुवाई के 10-12 दिन बाद, क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25 डब्ल्यूपी और सर्फेक्टेंट 36 ग्राम (चौड़ी पत्ती वाली खरपतवार)
बुवाई के 15 से 20 दिन बाद लाभदायक – इमेजेथापियर 10 एसएल (एक लीटर) (चौड़ी पत्ती और घास वाली खरपतवार), 70% डब्ल्यूजी + सर्फेक्टेंट (100 ग्राम) (चौड़ी पत्ती और घास वाली खरपतवार), क्विजालोफॉप एथिल 5 एसएल (0.75-1.00 लीटर), क्विजालोफॉप पी इथाइल 10 एसएल (375-450 मिलीलीटर), फेनाक्सिफॉप पी इथाइल 9 एसएल (1.11 लीटर), क्विजालोफॉप पी टेफ्यूरिल
यह भी पढ़िए:- मार्केट में सुपर एंट्री कर रही महाराजाओ की पहली पसंद TATA की 21वी सदी की महारानी Thar को लेगी आड़े हाथ
प्री-मिक्स्ड हर्बिसाइड (बुवाई के 15 से 20 दिन बाद उपयोगी) – फ्लुअजिफॉप-पी-ब्यूटाइल + फोमैसेफेन (एक लीटर), इमेजेथापियर + इमेजेमोक्स (100 ग्राम), प्रोपैक्वाजाफॉप + इमेजेथापियर (दो लीटर), सोडियम एसेफ्लुओरफेन + क्लोडिनाफॉप प्रोपार्गल (एक लीटर), फोमैसेफेन + क्विजालोफॉप एथिल (एक लीटर), क्विजालोफॉप एथिल + क्लोरिम्यूरॉन एथिल