महंगाई ने तोड़ी कमर रॉकेट बन गए दाल सब्जी के दाम क्यों बढ़ रही महंगाई जाने वजह

भारत में पिछले नवंबर से खाद्य पदार्थों की महंगाई दर करीब 8 प्रतिशत बनी हुई है। इसका मुख्य कारण मौसम का प्रभाव है. इसने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, इस बार मानसून जल्दी आ गया है और बारिश भी अच्छी होने की उम्मीद है. लेकिन, जल्द ही राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय बनी हुई हैं। ये हमारे कुल खर्च का लगभग आधा हिस्सा हैं। इस वजह से महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। इसके चलते ब्याज दरों में कटौती संभव नहीं है।

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खाद्य पदार्थों की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?

खाद्य पदार्थों की महंगाई के पीछे कई कारण हैं। इनमें मुख्य रूप से मौसम का प्रभाव, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और बुवाई में देरी शामिल है। पिछले साल के सूखे और इस साल की भीषण गर्मी ने दालों, सब्जियों और अनाजों जैसी महत्वपूर्ण खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति को प्रभावित किया है। देश के लगभग आधे हिस्से में तापमान सामान्य से 4-9 डिग्री सेल्सियस अधिक होने के कारण कटी हुई और भंडारित सब्जियां खराब हो गई हैं। प्याज, टमाटर, बैंगन और पालक जैसी फसलों की बुवाई में देरी हुई है।

मानसून क्यों मदद नहीं कर रहा है?

किसान आमतौर पर जून-सितंबर मानसून से पहले सब्जियां तैयार कर लेते हैं। लेकिन, इस साल अत्यधिक गर्मी और पानी की कमी के कारण न तो पौधे तैयार किए जा सके हैं और न ही उनकी रोपाई हो पाई है। इससे सब्जियों की कमी और बढ़ गई है। हालांकि, इस बार मानसून जल्दी आ गया था और पूरे देश में तेजी से फैल गया, लेकिन यह रफ्तार जल्द ही धीमी पड़ गई। इस वजह से, इस सीजन में अब तक 18% कम बारिश हुई है।

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कमजोर मानसून के चलते गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों की बुवाई में देरी हुई है। इन फसलों को अच्छी बारिश की जरूरत होती है। जून में बारिश अच्छी नहीं हुई है, लेकिन मौसम विभाग ने बाकी मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। इससे फसल उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है।

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