MP News: स्कूलों ने बढ़ाई 10 फीसदी से ज्यादा फीस अब भरना पड़ेगा 2 लाख का जुर्माना जान ले पूरी खबर भोपाल के कोलार क्षेत्र के चार निजी स्कूलों पर शुल्क अधिनियम (Fee Act) के तहत कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन ने इन स्कूलों द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क बढ़ाने पर कार्रवाई की है। अब इन स्कूलों को अभिभावकों से जमा की गई फीस वापस करनी होगी। इन स्कूलों में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), श्रीचैतन्य टेक्नो स्कूल, कैम्पियन स्कूल भौरी और एक अन्य निजी स्कूल शामिल हैं।
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इन स्कूलों को 30 दिनों के अंदर बढ़ी हुई फीस छात्र या अभिभावक के खाते में ऑनलाइन वापस करनी होगी। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अंजनी कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को इन निजी स्कूलों को फीस वापसी के लिए नोटिस जारी किए।
जिन जिलों के स्कूलों ने हर साल 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क बढ़ाया है, उन्हें फीस वापस करने के आदेश जारी किए गए हैं। जारी किए गए आदेश में स्कूल संचालकों को चेतावनी दी गई है कि यदि शुल्क अधिनियम का पालन किए बिना ली गई फीस वापस नहीं की जाती है, तो अधिनियम की धारा 9 (9) के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डीईओ ने भोपाल के चैतन्य टेक्नो स्कूल कोलार रोड, कैम्पियन स्कूल भौरी, डीपीएस कोलार को अधिनियम का पालन नहीं करने का दोषी पाया है।
राजधानी के 150 सीबीएसई स्कूलों में से 93 ने फीस संबंधी जानकारी दी है
भोपाल के 150 सीबीएसई स्कूलों में से 93 ने फीस सहित अन्य आय और व्यय का विवरण दिया है। जिला शिक्षा विभाग ने उन स्कूलों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है जिन्होंने जानकारी नहीं दी। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों से आय-व्यय और अन्य जानकारी मांगी थी।
केवल 93 सीबीएसई स्कूलों ने ही 24 जून की अंतिम तिथि तक पोर्टल पर जानकारी अपलोड की। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त 877 निजी स्कूलों ने पोर्टल पर फीस की जानकारी अपलोड कर दी है। अब जिला शिक्षा विभाग वर्ष 2017 और 2020 के शुल्क अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रहा है।
एसडीएम और तहसीलदारों ने अपने-अपने क्षेत्रों के 10 से 12 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को रिपोर्ट भेज दी है। आने वाले एक-दो दिनों में इन स्कूलों की संख्या और बढ़ सकती है।
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जिन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उन्होंने पिछले पांच वर्षों में (कोरोना काल को छोड़कर) दस प्रतिशत से अधिक शुल्क बढ़ा दिया है। शुल्क वृद्धि की राशि 10.5 से 15 प्रतिशत के बीच है। इन स्कूलों को सात दिनों के भीतर छात्रों का डेटा उपलब्ध कराने का नोटिस दिया गया है। साथ ही, इन चारों स्कूलों को 30 दिनों के भीतर बढ़ी हुई फीस छात्रों या अभिभावकों के खातों में वापस करनी होगी।
- अंजनी कुमार त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल
चार निजी स्कूलों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शुल्क अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। भविष्य में भी निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर, भोपाल