12 साल में खिलने वाला चमत्कारी फूल इसका सेवन शरीर बनाता है लोहा ताकत आती है बाहुबली जैसी जाने नाम

By Karan Sharma

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12 साल में खिलने वाला चमत्कारी फूल इसका सेवन शरीर बनाता है लोहा ताकत आती है बाहुबली जैसी जाने नाम

पृथ्वी पर हर 12 साल में एक बार खिलने वाला नीलकुरिंजी का फूल अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि इस फूल के रस का सेवन करना किसी वरदान से कम नहीं होता। कुछ दिनों में ही ये रस आपको पत्थर की तरह मजबूत बना सकता है (हालांकि ये सिर्फ एक लोक मान्यता है)। लेकिन असल में ये फूल कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

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हर 12 साल में ही खिलने के कारण इसकी खासियत और बढ़ जाती है। आयुर्वेद के कई डॉक्टर भी इस फूल से दवाएं बनाते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं को कम करने में लाभदायक होते हैं। इसका सेवन गठिया, गठियावाद और अन्य शारीरिक दर्द में राहत दिलाता है। साथ ही माना जाता है कि इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं।

नीलकुरिंजी की खेती (Cultivating Neelkurinji)

हालांकि ये फूल इतना फायदेमंद है, लेकिन इसकी खेती इतनी आसान नहीं है। असल में, नीलकुरिंजी की खासियत यही है कि ये अपने आप 12 साल के लंबे अंतराल में खिलता है। इसकी खेती के लिए बीजों को खेत में छिड़का जाता है, फिर कुछ समय बाद उनसे पौधे निकलने लगते हैं। लेकिन इन फूलों को खिलने के लिए पूरे 12 साल का इंतजार करना पड़ता है।

इसलिए इसकी व्यावसायिक खेती करना मुश्किल है। लेकिन अगर आप शौकिया तौर पर इसकी खेती करना चाहते हैं, तो बीजों को उपयुक्त वातावरण देकर उगा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि इसकी व्यापारिक संभावनाओं को देखते हुए जंगलों में इन पौधों को नुकसान पहुंचाना या इनके प्राकृतिक चक्र को बाधित करना ठीक नहीं है।

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नीलकुरिंजी का मूल्य (Price of Neelkurinji Flower)

चूंकि ये फूल बहुत कम ही खिलता है, इसलिए इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है। बाजार में एक नीलकुरिंजी का फूल लगभग 10,000 रुपये तक में बिक सकता है। लेकिन जैसा कि बताया गया, इसकी व्यावसायिक खेती व्यावहारिक नहीं है।

कुल मिलाकर, नीलकुरिंजी प्रकृति का एक अनोखा उपहार है। ये न सिर्फ खूबसूरत है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इसकी मौजूदगी को बनाए रखना और उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।

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