Harda/संवाददाता मदन गौर :- वर्तमान खरीफ सत्र में बहुत से किसानों की सोयाबीन या अन्य खरीफ फसल बीज खराब होने या वर्षा कम या अधिक होने के कारणों से बोवनी खराब होती है तो ऐसे किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा राशि प्राप्त करने के अधिकारी होते है ।
यह भी पढ़िए :- Susner: भूमाफियाओ ने राजस्व विभाग की साठगांठ से शासकीय जमीन पर अवैध कॉलोनी काटकर बेची
एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि जिन किसानों की खरीफ फसल की बोवनी खराब हुई है, ऐसे किसानों को फसल बीमित राशि की 25 प्रतिशत राशि योजना अनुसार दी जानी चाहिए, इसमें शर्त यही है कि जिन बैंको में किसानों का के.सी.सी. खाता है उन बैंको द्वारा किसानों के कृषि ऋण से बीमा प्रीमियम राशि जमा किया जाना आवश्यक है। यदि किसान डिफाल्टर है या उसका के.सी.सी. ऋण नहीं है तो ऐसे किसानों केा अऋणी कृषक के रूप में बीमा कराया जाना आवश्यक है।
इस योजना के अनुसार एक बार बीमा राशि प्राप्त करने के बाद वर्तमान खरीफ सत्र में शेष बीमा आवरण से किसान बाहर हो जाता है, याने कि इसी फसल में यदि बाद में कोई नुकसानी होती है तो वह बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होगा। बहुत से किसानों की खरीफ फसल बोनी बीज खराब होने, दवाई के कारण और वर्षा के कारण खराब होती है, ऐसे किसानों को बीमा कंपनी, कृषि विभाग, तहसीलदार व बैंक को आवेदन देकर अपनी बोनी बिगड़ने के संबंध में सूचना देना चाहिए तथा शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय तकनीकि समिति द्वारा किसान की कृषि भूमि का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाया जाना चाहिए तथा ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा के साथ फोटो व अखबार की पेपर कटिंग भी साक्ष्य के रूप में उपयोग हो सकती है, ताकि वे अपनी नुकसानी का क्लेम कर सके।
यह भी पढ़िए :- दुनिया का एकमात्र हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाला फल जिसमे भरा है रुधिर चेहरे पर लाता है तेज जाने नाम
इस योजना के अंतर्गत जिलों के लिए निर्धारित बैंक ऋणमान की 25 प्रतिशत राशि किसान को बीमा क्लेम के रूप में मिल सकती है। खण्डवा जिले में सोयाबीन का ऋणमान 40000/रू प्रति हेक्ट. है यहाँ किसान की बोनी बिगड़ने पर 10000/रू प्रति हेक्टे. बीमा क्लेम राशि मिल सकती है। इसी प्रकार नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत हरदा, नर्मदापुरम व बैतूल जिले में सोयाबीन फसल का ऋणमान 37500/रू. प्रति हेक्टे. है यहाँ के किसानों को 9400/रू. प्रति हेक्टे. बीमा क्लेम राशि मिल सकती है।