कहने को तो ये थोड़ा अतिशयोक्ति जैसा लगता है, लेकिन एक फल है जो वाकई आपके स्वास्थ्य और जवानी को निखारने में अहम भूमिका निभाता है। वो फल है – मैंगोस्टीन!
यह भी पढ़िए :- संसार में पायी जाने वाली सबसे ताकतवर सब्जी शरीर को बना देगी पत्थर जैसा मजबूत, डॉक्टर का सहारा लेना भूल ही जायेगे आप
मैंगोस्टीन को फलों का राजा भी कहा जाता है. ये ना सिर्फ आपका वजन घटाने में मदद करता है बल्कि बुढ़ापे के लक्षणों को भी धीमा कर सकता है. आइए जानते हैं मैंगोस्टीन के खासियतों के बारे में:
- वजन घटाने में कारगर: मैंगोस्टीन में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पेट को जल्दी भर देता है और वजन घटाने में मदद करता है. साथ ही इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व शरीर में फैट जलने की प्रक्रिया को तेज करते हैं.
- जवानी का राज: मैंगोस्टीन में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोकते हैं. इससे त्वचा की झुर्रियां कम होती हैं और आप जवां दिखते हैं.
मैंगोस्टीन की खेती कैसे करें?
मैंगोस्टीन की खेती के लिए गर्म, उमस भरा और भूमध्यरेखीय जलवायु की जरूरत होती है. ज्यादा गर्मी, ज्यादा सर्दी या ज्यादा पानी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है. इसकी खेती के लिए 6 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है. बारिश के मौसम में इसकी अच्छी पैदावार होती है.
आप सीधे बीज को मिट्टी में लगा सकते हैं या फिर पौधे तैयार करके उनकी रोपाई कर सकते हैं. इसमें फल आने में 12 से 15 साल का समय लग जाता है.
मैंगोस्टीन की खेती से कितनी कमाई हो सकती है?
आपको बता दें कि मैंगोस्टीन की कीमत 1000 रुपये प्रति किलो से शुरू होती है और ये बाजार में काफी महंगे दामों पर बिकता है. इसकी मांग भी बाजार में काफी ज्यादा है. आप चाहें तो इस फल को किराए पर भी बेच सकते हैं. कुल मिलाकर ये एक मुनाफे वाला कारोबार हो सकता है.
यह भी पढ़िए :- संसार की सबसे लाजबाव सब्जी आपके शरीर के कोने-कोने को बना देंगी लोहा कभी भी नहीं आएगी जीवन में कमजोरी
एक एकड़ में इसकी खेती से आप 10 से 15 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. ये आंकड़ा जमीन, देखभाल और बाजार भाव के हिसाब से थोड़ा बहुत कम या ज्यादा हो सकता है.
मैंगोस्टीन की खेती भारत के सभी इलाकों में संभव नहीं है. जलवायु और उपयुक्त परिस्थिति ही इसकी सफल खेती का आधार है. अगर आप इसकी खेती करने का विचार कर रहे हैं तो पहले किसी कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.