22 लीटर दूध देगी इस नस्ल की सर्वगुण संपन्न गाय कम खर्चे में बना देगी गांव का अम्बानी

By Karan Sharma

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22 लीटर दूध देगी इस नस्ल की सर्वगुण संपन्न गाय कम खर्चे में बना देगी गांव का अम्बानी

पशुपालक किसानों की कमाई सीधे उनके पशुओं की उत्पादकता और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। अधिक दूध देने वाली बीमारियों से मुक्त गायें ही किसानों की आय बढ़ा सकती हैं। लेकिन अक्सर विदेशी नस्लों की गायें अच्छी दूध उत्पादन के बावजूद भारतीय जलवायु में बीमारियों का शिकार हो जाती हैं।

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लेकिन अब एक ऐसी गाय का जन्म हुआ है जो भारतीय और विदेशी नस्लों के गुणों का बेस्ट कॉम्बिनेशन है। इस नई नस्ल को साहीवाल और होलस्टीन फ्रिसियन के क्रॉस ब्रीडिंग से विकसित किया गया है।

इस गाय में साहीवाल की 37.5% और होलस्टीन फ्रिसियन की 52.5% विशेषताएं विरासत में मिली हैं। जिसकी वजह से यह गाय अच्छी मात्रा में दूध देगी और भारतीय जलवायु में आसानी से ढल जाएगी। इसे पालकर कोई भी किसान मालामाल हो सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह गाय बीमारियों से कम प्रभावित होती है, जिससे इलाज पर होने वाले खर्च में भी बचत होगी।

आइए जानते हैं इस गाय का नाम और इसकी खासियतें।

फ्राईस्वाल गाय: एक नई शुरुआत

इस नई नस्ल का नाम है फ्राईस्वाल। इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के केंद्रीय गौ अनुसंधान संस्थान, मेरठ ने रक्षा मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया है। आइए जानते हैं इस गाय की खासियतें:

  • अधिक दूध उत्पादन: फ्राईस्वाल गाय दूध देने के लिए जानी जाती है।
  • भारतीय जलवायु के अनुकूल: यह गाय हमारे देश की कृषि जलवायु के लिए उपयुक्त है।
  • लंबा दुधारू काल: एक दुधारू अवधि में यह लगभग 300 दिन तक दूध देती है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है।
  • उच्च दूध उत्पादन क्षमता: एक दुधारू अवधि में यह लगभग 4000 लीटर दूध देती है। औसतन प्रतिदिन 12 से 13 लीटर दूध देती है और शुरुआती दिनों में यह 20 से 22 लीटर दूध देती है।
  • पौष्टिक दूध: फ्राईस्वाल गाय के दूध में प्रोटीन 3.04%, फैट 4.11%, लैक्टोज 4.56% और ठोस गैर-वसा लगभग 8.44% होता है। यानी इसका दूध गुणवत्तापूर्ण भी है।

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यह गाय किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। यह हर तरह की जलवायु में ढल जाती है और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है। किसान इसके बारे में अधिक जानकारी केंद्रीय गौ अनुसंधान संस्थान, मेरठ से प्राप्त कर सकते हैं।

फ्राईस्वाल गाय भारतीय पशुपालन क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती है।

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