समुद्र की गहराई में, लाखों मीटर नीचे एक अनमोल रत्न छिपा है – स्पिरुलिना। ये एक प्रकार का शैवाल है, जिसके सेवन से कहा जाता है कि जीवन काल बढ़ सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदों और खेती के बारे में।
स्पिरुलिना के फायदे
स्पिरुलिना सेहत के लिए अमृत समान है। ये डायबिटीज को नियंत्रित करने, वजन कम करने और दिल की देखभाल में मददगार है। साथ ही, कैंसर जैसे रोगों के खतरे को भी कम करता है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और खून की कमी (अनियमितता) को दूर करने में भी ये कारगर है। कब्ज की समस्या से राहत दिलाने के साथ-साथ ये त्वचा की झाइयां भी दूर करने में प्रभावी माना जाता है। हालांकि, स्पिरुलिना का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
स्पिरुलिना की खेती कैसे करें?
स्पिरुलिना की खेती करना भी मुनाफे का अच्छा स्रोत हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले पानी की जरूरत होती है, जिसका पीएच स्तर नौ होना चाहिए। फिर, मदर स्पिरुलिना को कपड़े में लपेटकर पूरे खेती वाले क्षेत्र में घुमाएं। स्पिरुलिना को बढ़ने के लिए पानी, कार्बन डाइऑक्साइड और सूर्य का प्रकाश जरूरी है। ये खुद अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से बनाता है और पानी से मिनरल्स लेता है। खेती के पानी में जरूरी मिनरल्स मिलाएं, लेकिन मछली से बने उत्पादों जैसे पदार्थों से बचें क्योंकि ये स्वाद को प्रभावित कर सकते हैं।
मुनाफे की संभावनाएं
स्पिरुलिना से बनी दवाएं बाजार में लगभग 780 रुपये में मिलती हैं। अगर आप इसकी खेती करते हैं तो कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। अनुमान के मुताबिक, स्पिरुलिना की खेती से महीने में 2 से 3 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।