बीटरूट की खेती से 120 दिन में होगी 9 लाख तक कमाई,जान ले लगाने का तरीका बीटरूट एक ऐसी सब्जी है जो हर किसी को पसंद आती है। अधिकांश लोग बीटरोल का सलाद बनाकर खाते हैं। हालांकि, बहुत से लोग इसका जूस पीना भी पसंद करते हैं। बीटरोल में मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी, फोलेट और विटामिन बी9 भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। यही कारण है कि यह बाजार में हमेशा मांग में रहता है। ऐसे में अगर किसान बीटरोल की खेती करते हैं तो वे अच्छी कमाई कर सकते हैं।
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खास बात यह है कि बीटरोल औषधीय गुणों से भरपूर है। इसलिए इसका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। इसके साथ ही इससे कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाएं भी बनाई जाती हैं। बाजार में इसकी दर हमेशा 30 से 40 रुपये प्रति किलो रहती है। ऐसे में अगर किसान बीटरूट की खेती करने का मन बना रहे हैं तो यह उनके लिए अच्छी खबर है। अगर बीटरूट की वैज्ञानिक विधि से खेती की जाए तो बंपर पैदावार मिलेगी।
MSH 102 बीटरूट की सबसे लोकप्रिय किस्म है
बीटरूट की खेती रेतीली दोमट मिट्टी में अच्छी पैदावार देती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच माना जाता है। साथ ही इसे ग्रीष्म, वर्षा और शीतकाल में किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। अगर किसान ग्रीष्म ऋतु में बीटरूट की खेती करने का मन बना रहे हैं तो सबसे पहले बेहतर किस्मों का चयन करें। अर्ली वंडर, क्रॉसबी ऑफ इजिप्ट, डेट्रॉइट डार्क रेड, क्रिमसन ग्लोब, रूबी रानी, रोमांस्काया और MSH 102 बीटरोल की सबसे लोकप्रिय किस्में हैं। इन किस्मों की खेती करने से बंपर पैदावार मिलेगी।
बीटरूट की खेती से 120 दिन में होगी 9 लाख तक कमाई,जान ले लगाने का तरीका
रिज़ विधि में पहले 10 इंच ऊंचा रिज बनाया जाता है
बीटरूट की बुवाई करने से पहले खेत को कई बार जोता जाता है। फिर खेत में प्रति एकड़ 4 टन की दर से गोबर की खाद डालें और पाटा का प्रयोग करके भूमि को समतल कर दें। इसके बाद क्यारी बनाकर बीटरूट की बुवाई करें। खास बात यह है कि बीटरूट छिड़काव और रिज विधि से बोया जाता है। अगर आप छिड़काव विधि से बुवाई कर रहे हैं तो एक एकड़ में 4 किलो बीज की आवश्यकता होगी। वहीं रिज विधि से बुवाई करने पर कम बीज की आवश्यकता होती है। रिज विधि में पहले 10 इंच ऊंचा रिज बनाया जाता है। फिर रिज पर 3-3 इंच की दूरी पर बीज बोए जाते हैं।
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फसल बुवाई के 120 दिन बाद तैयार हो जाती है
आपको बता दें कि बीटरूट एक कंद वाली फसल है। इसलिए इसे समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी होती है। साथ ही आवश्यकतानुसार सिंचाई भी करनी होती है। फसल बुवाई के 120 दिन बाद तैयार हो जाती है। अगर आपने एक हेक्टेयर में खेती की है तो आपको 300 क्विंटल तक पैदावार मिलेगी। अगर आप बीटरूट को 30 रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं तो इससे आप लाखों रुपये कमा लेंगे।