राजस्थान के किसानों ने खेती के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। आपने पहले कभी इस तरह की अनोखी खेती नहीं देखी होगी। इसकी खेती के कई फायदे हैं। हम बात कर रहे हैं नाइट्रोजन गैस युक्त धैंचा की हरित खाद की। आपने नाइट्रोजन गैस के बारे में तो गैस के रूप में ही सुना होगा, लेकिन अब इसकी खेती भी होने लगी है। जिससे उत्पादन में कई फायदे मिले हैं।
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धैंचा की खेती कैसे की जाती है?
आपने नाइट्रोजन गैस के बारे में तो सुना ही होगा, आज जानते हैं कि इसकी खेती कैसे की जाती है। राजस्थान के किसान अब धैंचा की हरित खाद तैयार कर रहे हैं। धैंचा के पौधे की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणु होते हैं। धैंचा का पौधा वातावरण से नाइट्रोजन गैस को अपनी जड़ों में सोख लेता है। जिससे इसके पौधे से हरित खाद तैयार की जाती है और इस हरित खाद का उपयोग किया जाता है।
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धैंचा की हरित खाद के फायदे
इस खाद के कई फायदे हैं। फसलों की बढ़वार और पैदावार बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है। जिससे अच्छी पैदावार मिलती है और इसलिए अब धैंचा की खाद का भी उपयोग किया जा सकता है। इसके पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है।