Drone Didi Yojana:देश भर में महिलाओं के लिए शुरू किए गए स्वयं सहायता समूहों के लाभ अब दिखाई देने लगे हैं। सरकार ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं को ड्रोन दीदी बनाने के लिए प्रशिक्षण और 8 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है। इस साल 3000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन वितरित किए जाएंगे।
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केंद्रीय सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसके तहत उन्हें वित्तीय सहायता और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। सरकार की ऐसी ही एक योजना ‘ड्रोन दीदी योजना’ अब काफी लोकप्रिय हो गई है, जिसके तहत महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ सम्मान भी मिल रहा है। केंद्र सरकार ने अब इस योजना के तहत कई राज्यों के लगभग 3 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन देने की योजना बनाई है।
अक्टूबर से दिसंबर तक वितरित किए जाएंगे 3 हजार ड्रोन
इस योजना के तहत इन महिलाओं को 8 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। देश भर में वर्तमान में लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। कृषि मंत्रालय ने योजना का मसौदा तैयार कर लिया है। योजना के तहत कुल 14,500 स्वयं सहायता समूहों को ये ड्रोन दिए जाएंगे। इस साल अक्टूबर से दिसंबर तक 3 हजार ड्रोन वितरित करने की योजना है। जल्द ही संबंधित राज्यों को योजना से संबंधित निर्देश दिए जाएंगे और आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इन तीन राज्यों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
स्वयं सहायता समूहों को योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। योजना के तहत सबसे अधिक संख्या में ड्रोन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक को दिए जाएंगे। इस योजना के तहत ड्रोन वितरण में राज्यों के चयन के लिए कुछ मानदंड तय किए गए हैं। इन मानदंडों में शामिल हैं – अधिकतम कृषि योग्य भूमि, सक्रिय स्वयं सहायता समूह और जहां अधिक नैनो उर्वरक का उपयोग किया जाता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, ड्रोन का पूरा पैकेज लगभग 10 लाख रुपये का होगा, जिसमें 80 प्रतिशत यानी 8 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा और शेष 20 प्रतिशत यानी 2 लाख रुपये ऋण के रूप में दिया जाएगा।
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ड्रोन किट में क्या होगा?
एक ड्रोन बॉक्स
चार अतिरिक्त बैटरी
चार्जिंग हब
चार्जिंग के लिए जेनसेट
योजना के तहत ड्रोन दीदियों को डेटा विश्लेषण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही साथी महिला को ड्रोन मेंटेनेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 15 दिन के प्रशिक्षण सत्र में महिलाओं को ड्रोन से किए जाने वाले कृषि कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आपको बता दें कि योजना में स्वयं सहायता समूह का चयन करने का जिम्मा राज्य समिति को दिया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक इस समिति से जुड़े होंगे, जिसमें देश के कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अगले महीने से इस योजना का काम तेजी से होगा।