ई-किसान उपज निधि योजना किसानों की मदद के लिए बनाई गई एक शानदार पहल है. इस योजना के तहत किसानों को अनाज भंडारण में आसानी होती है. साथ ही, अगर उन्हें अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है, तो वो लोन भी ले सकते हैं. इन सब वजहों से इस योजना को किसानों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
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ई-किसान उपज निधि योजना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और आसान लोन
इस योजना के अंतर्गत किसानों को एक बेहतरीन ऑनलाइन मंच मिलता है. वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के रजिस्टर्ड गोदामों में रखे अपने अनाज की रसीद दिखाकर बैंकों में लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. ये लोन फसल कटाई के बाद दिया जाने वाला लोन होता है, जिसे पोस्ट हार्वेस्ट लोन कहते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि लोन लेने के लिए किसानों को किसी भी तरह की जमानत देने की जरूरत नहीं होती है. साथ ही ब्याज दर भी काफी कम, सिर्फ 7% है.
ई-किसान उपज निधि योजना अच्छे दाम और भंडारण की सुविधा
ई-किसान उपज निधि योजना का एक और बड़ा फायदा ये है कि इससे किसानों को अपने उत्पाद का सही दाम मिल पाता है. अच्छी भंडारण व्यवस्था की वजह से वो फसल को तब बेच सकते हैं, जब भाव अच्छा हो. साथ ही इस योजना का लक्ष्य है कि देशभर में एक लाख गोदामों को रजिस्टर्ड किया जाए. फिलहाल, 1500 से ज्यादा गोदाम रजिस्टर्ड हो चुके हैं. ये गोदाम किसानों को फसल सुरक्षित रखने की सुविधा देते हैं.
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ई-नाम के साथ जुड़कर और भी फायदा
ई-किसान उपज निधि योजना ई-नाम के साथ मिलकर काम करती है. ई-नाम एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो किसानों को सीधे तौर पर खरीदारों से जोड़ता है. इससे किसानों को अपनी फसल को उचित दाम पर बेचने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं, वो अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या उससे भी ज्यादा दाम पर बेच सकते हैं.
कुल मिलाकर, ई-किसान उपज निधि योजना किसानों के लिए काफी लाभदायक है. इससे उन्हें भंडारण, लोन और फसल को अच्छे दाम पर बेचने में काफी मदद मिलती है.