क्या आपने कभी सैकड़ों बीमारियों को दूर भगाने वाले फल के बारे में सुना है? जी हां, फिकस रिलिजियोसा यानी पीपल के सूखे फल में वो ताकत है। पहली बार सुनकर शायद आपको आश्चर्य हो, लेकिन आयुर्वेद में सदियों से पीपल के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। इसकी सूखी अंजीर भी उन्हीं गुणों से भरपूर होती है।
फिकस रिलिजियोसा के फायदे
- पोषण का खजाना (Poshan ka Khazana): पीपल की सूखी अंजीर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम और फॉस्फोरस से भरपूर होती है। ये पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : इस फल में पाए जाने वाले तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
- अस्थमा में राहत (Asthma mein rahat): पारंपरिक रूप से पीपल की सूखी अंजीर का चूर्ण पानी के साथ दमा की परेशानी को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
फिकस रिलिजियोसा की खेती
भारत में भी पीपल की सूखी अंजीर की खेती की जाती है। इसकी खेती के लिए सबसे पहले जमीन को अच्छी तरह से जोताई करनी चाहिए। बीजों या फिर नर्सरी से पौधे लाकर इसकी खेती की जा सकती है। बीजों से (Rozwan se lagaye) में करीब 7 साल का समय लगता है, लेकिन इसके बाद हर साल फल मिलते रहते हैं।
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मुनाफा कितना होगा?
पीपल की सूखी अंजीर की बाजार में मांग हमेशा बनी रहती है। इसकी कीमत की बात करें तो बाजार में आपको ये 1600 रुपये किलो के आसपास मिल जाएगी। इसकी खेती करना काफी लाभदायक है। एक बार तो पेड़ तैयार होने में वक्त लगता है, लेकिन इसके बाद हर साल फल मिलते रहते हैं। इसकी खेती एक एकड़ तक के क्षेत्र में शुरू की जा सकती है और अच्छी कमाई की जा सकती है।