Harda/संवाददाता मदन गौर हरदा:- मानसून की देरी और इस वर्ष सामान्य से कम बारिश होने के अनुमान से किसान असमंज की स्थिति में हैं। अब किसान ऐसी वेरायटी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं जो ऐसी परिस्थिति में भी अच्छा उत्पादन दे सके। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए किसान अर्ली वेरायटी पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।वहीं जिन किसानों की जमीन ठंडी या डाबर वाली है वे लेट वेरायटी को अपना रहे हैं।
यह भी पढ़िए:- Harda: युवा कांग्रेस ने की ‘क्या हुआ तेरा वादा पोस्ट कार्ड अभियान’ की शुरुवात
वेरायटी के नाम पर हो रही ठगी
सोयाबीन बीज की इतनी ज्यादा वैरायटियां कि किसान खुद ये नहीं समझ पाता कि आखिर वह कौन सा बीज अपने खेत मे बोए जो उसे अच्छा उतपादन दे सके। बीज व्यापारी इसका खूब फायदा उठाते हैं। मंडी मैं वैसे तो किसानों से सोयाबीन तीन हजार से साढ़े तीन हजार रुपये मैं खरीदा जा रहा है । वहीं किसान को बीज के नाम पर आकर्षक पेकिंग मैं चार हजार से पांच हजार रुपये मैं थमाया जा है है।
जैसी जमीन वैसा बीज
पिछली वर्ष 14 जून से लेकर 19 जून तक सोयाबीन की बोनी किसानों ने कर दी थी। इस बार पानी लेट होने के कारण किसानअसमंजस मैं है। किसान पुरूषोत्तम गौर, श्रीनिवास गौर ने बताया कि पिछली वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अर्ली बैराटी वाली किस्म की सोयाबीन बोने का मन ज्यादा बन रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस बार भी सामान्य से कम बारिश बताई जा रही है। अर्ली बैरायटी 9560, 2029,2034,कम वारिस मै भी पककर तैयार हो जाती है। लेट बैराटी 9305,जीएस 35 ,2014,किस्म को लम्बी वारिस होने के बाद ही पककर तैयार होती है।
अगर कम बारिश होती है तो इसकी फलियों मै दाना नही पकपाता और पोची और बारिक दाना होने के कारण उत्पादन कम रहता है । इसलिए किसानों ने ढालू जमीन मै अर्ली बैराटी बोने का मन बना लिया है और जिस किसानों के पास समतल ढाबर वाली जमीन है उसमै वो लेट बैराटी बोना ही उचित समझते है।किसानों की जैसी जमीन वैसी किस्म की सोयाबीन बोई जाती है।
दूसरे जिलों से ले रहे बीज
किसानों की पहली समस्या सोयाबीन के बीज की है। किसान जिले के अलावा दूसरे जिले में सोयाबीन के बीज के लिऐ भटक है । जानकारी के मुताबिक किसान खंडवा, खातेगांव, मंदसौर, सिहोर, आष्टा, सुजालपुर, अकोदिया आदि जगहों पर अच्छे किस्मों की सोयाबीन बीज के लिऐ पहुंच रहे हैं। लेकिन व्यापारी किसानों को लूटने मै कोई कोर कसोर नहीं छोड़ते।
किसान रामस्वरूप लखोरे का कहना है कि सोयाबीन किसी भी बैराटी की हो इन दिनो मंण्डी मै 3000 हजार से लेकर3500सौ रूपये के आसपास बिक रही है। व्यापारी किसानों से यही सोयाबीन सीजन पर खरीद लेता है और उसे प्लास्टिक की थेली मै तीस किलो के पैक बनाकर कंम्पनी का नाम रखकर ऊंचे दामों पर बेचता है। किसान मँहगे दाम मै बीज लेने को मजबूर रहता है जिसका फायदा व्यापारी जमकर उठाता है।