Harda/संवाददाता मदन गौर:- ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल काटकर निकालकर अपने खेतों में बखकर कम्पिलिट किया इस बार भगवान की कृपा से मूंग के खेतों को लम्बे समय से तपन भी मिल गई जिससे सोयाबीन की बोनी को उगने में कोई दिक्कत ना आवे आज दिन भर तीखी सूर्य की किरण गर्मी और उमस से लोग हुए परेशान लेकिन शाम को अचानक मौसम ने करवट बदली बादलों के छुरमुट भी आंधी और तूफान पर सवार होकर हर घर पानी के आने की दस्तक ठोक गये.
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प्यासी धरती व्याकुल एक नयी नवेली दुल्हन की तरह सहमी सी चंद बूंदों कों अपने आंचल मे सहजकर कितनी सौंधी सी महक से सारे वातावरण को खुशमिजाज बना रही है आसमान पर आतिशी चमक और ढोल ढमांको सांथ ही नन्हे मुन्नो का रेन डांस से ऐसी प्रतिती हो रही जैसे बारात कहीं नजदीक ही आ चूकी हो किसान भी तैयारी में जुटा है तन मन से जुम्मेदारी निभाने सजग हर क्षण ललायित है हर पल स्वागत करने को चूनर पहनाने को हरितिमा की उसकी मांग भरने को आतुर खरीब की फसल सोयाबीन की बोनी में अब जुटेगा किसान।