इस नस्ल की कासरी ने कक्काजी को बना दिया सेठ धनीराम कम चारे ने बहा देती है दूध की नदिया आप भी कर ले पालन

By pradeshtak.in

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इस नस्ल की कासरी ने कक्काजी को बना दिया सेठ धनीराम कम चारे ने बहा देती है दूध की नदिया आप भी कर ले पालन

क्या आप एक ऐसे भैंस की नस्ल की तलाश कर रहे हैं जो ज्यादा दूध देती है? तो फिर जफ़राबादी भैंस आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. यह लेख आपको इस खास नस्ल के बारे में विस्तार से जानकारी देगा.

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जफराबादी भैंस की खासियत

  • जफराबादी भैंस गुजरात के जामनगर और कच्छ इलाकों में पाई जाती है.
  • इन भैंसों की गर्दन और सिर बड़े होते हैं तथा माथा चौड़ा और उभरा हुआ होता है.
  • इनका रंग ज्यादातर काला होता है.
  • इनके सींग भारी और आगे की ओर झुके हुए होते हैं.
  • जफराबादी भैंस औसतन 1300 से 1400 किलो दूध देती है, जो कि प्रतिदिन लगभग 35-40 लीटर दूध के बराबर होता है.
  • दूध देने के अलावा, खेत जोतने के काम भी आती है, जो किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करता है.
  • जफराबादी भैंस के दूध में 8% वसा होता है, जो हमारे शरीर को मजबूती प्रदान करता है.

जफराबादी भैंस का पालन कैसे करें?

  • जफराबादी भैंसों को पालने के लिए किसी खास मेहनत की जरूरत नहीं होती, लेकिन इनसे अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त करने के लिए इनकी उचित देखभाल जरूरी है.
  • इन भैंसों को अनुकूल वातावरण की जरूरत होती है.
  • तेज बारिश, धूप, बर्फबारी और सर्दी से बचाने के लिए इनके लिए छप्परों का इस्तेमाल करें.
  • हवा और पानी की उचित व्यवस्था वाले शेड में ही इन्हें रखें.
  • दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए इनको पर्याप्त मात्रा में भोजन दें. जितना ज्यादा ये खाएंगी, उतना ही ज्यादा दूध देंगी.

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अगर आप डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो जफराबादी भैंस एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. इनसे अच्छी कमाई हो सकती है और आपका पशुपालन का व्यवसाय सफल हो सकता है.

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