आज हम जानेंगे कि पौधों में एक घोल डालने से कैसे मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है और फसल को बढ़ाया जा सकता है. ये घोल फसलों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जी हाँ, आज हम ऐसे ही घोल को बनाने के बारे में सीखेंगे जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है और फसल की पैदावार भी ज़्यादा होती है. इतना ही नहीं, कुछ लोगों का कहना है कि अगर ये जीवामृत फसलों में डाला जाए, तो मिट्टी सोने के समान हो जाती है. यानी मिट्टी बहुत उपजाऊ हो जाती है. आइए जानते हैं कि जीवामृत क्या है और मिट्टी के लिए इसका क्या फायदा है. इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है.
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जीवामृत क्या है?
जीवामृत कई चीजों को मिलाकर बनाया जाता है. जिसे कोई भी किसान आसानी से बना सकता है और इसके मिट्टी के लिए कई फायदे हैं. आपको बता दें कि इसे पौधों की जड़ों में डालने से पौधे की जड़ों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलने लगते हैं. इसी के साथ पत्तियां हरी हो जाती हैं, और फसल के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं. मिट्टी हो जाती है, और अगर इसे बंजर ज़मीन में डाला जाए तो मिट्टी सोने जैसी हो जाती है. आइए अब इसे बनाने का तरीका जानते हैं.
जीवामृत बनाने की विधि
यह चमत्कारी घोल किसान आसानी से बना सकते हैं. इससे मिट्टी फसलों के लिए बहुत फायदेमंद हो जाएगी. इसे बनाने के लिए किसान को गोमूत्र, गोबर, बेसन, गुड़ और एक प्लास्टिक का कंटेनर चाहिए होगा. इसके लिए लगभग 10 लीटर गोमूत्र, 5 किलो गोबर और 3 किलो की दर से गुड़ और 2 किलो की दर से बेसन लें. अब इसे बनाने का तरीका जानते हैं.
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सबसे पहले गुड़ को तोड़कर पीस लें और किसी बर्तन में डालकर पानी में मिला लें. फिर गोमूत्र और बेसन डालकर अच्छी तरह मिलाएं. जब यह पानी में घुल जाए, तो गोबर और पहले से घुला हुआ गुड़ डालकर अच्छी तरह मिलाएं. इस तरह से सभी चीजों को मिलाकर थोड़ा पानी डाल दें, और इसे लगभग 7 दिनों तक के लिए रख दें, फिर आप इसे मिट्टी में डाल सकते हैं. आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे कई किसान फायदा उठा रहे हैं.