हर्षिंगार, जिसे पारिजात के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा अनोखा पेड़ है जो रात के अंधेरे में खिलकर मन को मोह लेता है। इसकी सुगंध इतनी मनोरम होती है कि आप इसकी महक से मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह खूबसूरत पेड़ आपके स्वास्थ्य के लिए भी वरदान साबित हो सकता है?
हर्षिंगार के चमत्कारी गुण
हर्षिंगार के पत्तों, छाल और फूलों में अद्भुत औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- बुखार और जोड़ों का दर्द: हर्षिंगार के पत्तों का रस बुखार, जोड़ों के दर्द, गठिया और साइटिका जैसी समस्याओं में रामबाण का काम करता है।
- पाचन समस्याएं: इसके पत्तों का काढ़ा कब्ज और पेट के कीड़ों को खत्म करने में मददगार होता है।
- एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: हर्षिंगार में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और सूजन कम करते हैं।
- त्वचा रोग: हर्षिंगार की पत्तियों का लेप त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे एक्जिमा और सोरायसिस में लाभकारी होता है।
हर्षिंगार की खेती
हर्षिंगार की खेती करना अपेक्षाकृत आसान है। इसे ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पानी जमा न हो। मिट्टी में 50% सामान्य माली वाली मिट्टी, 50% वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद और 15% रेत या कोको पीट मिलाएं। हर्षिंगार के बीज या कटिंग को इस मिश्रण में लगाएं। हालांकि, इस पेड़ को पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 3 साल का समय लगता है।
कमाई का जरिया
हर्षिंगार की खेती न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदेमंद हो सकती है। एक एकड़ में हर्षिंगार की खेती करके आप महीने के 40 से 50 हजार रुपये तक कमा सकते हैं। भारत में इसकी काफी मांग है, इसलिए आप इस व्यवसाय का विस्तार भी कर सकते हैं।