अधिकांश किसान आम तौर पर तुअर की खेती करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी जंगली तुअर के बारे में सुना है? यह एक साधारण दाल नहीं है बल्कि अफ्रीका, दुबई, लंदन जैसे देशों में भी इसकी काफी मांग है। जंगली तुअर फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, जिससे पेट में गैस नहीं बनती और यह आसानी से पच जाता है। किसान इसकी खेती करके लाखों रुपये कमा सकते हैं।
किसान जंगली तुअर की खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इसके बीजों को देश भर के 2.5 लाख किसानों को इसके संरक्षण के लिए वितरित भी किया गया है। इसके साथ ही किसानों को बीज बनाने की तकनीक भी सिखाई जा रही है, ताकि अधिकतम उत्पादन किया जा सके। खास बात यह है कि एक बार लगाने पर यह दाल 5 साल तक फल देता है।
किसान का कहना है कि एक एकड़ में 8 से 12 क्विंटल जंगली तुअर का उत्पादन होता है। इसे एक बार लगाने से 10 गुना तक उत्पादन मिल जाता है। इसकी लंबाई 5 साल में 12 फीट तक पहुंच जाती है। उन्होंने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच का इलाका बस्तर है, वहां करीब 14 साल पहले उन्हें जंगल में एक पेड़ मिला था, जिसमें 10 से 15 फलियां थीं।
किसान ने बताया कि अगर कोई किसान बाग लगाना चाहता है और पेड़ों की वजह से जगह नहीं है तो वह जंगली तुअर लगाकर उगा सकता है। एक एकड़ जमीन में केवल एक किलो बीज की जरूरत होती है। इसमें खेत के अंदर पट्टी बनाकर 5 से 7 फीट की दूरी पर एक पौधा लगाया जाता है। एक बार लगाने के बाद खाद और पानी देते रहें, ताकि यह पौधा 5 साल तक रहे।
आपको बता दें कि इस किस्म के तुअर को बहुत कम पानी की जरूरत होती है। अगर इसे जून या जुलाई में लगाया जाए तो बारिश के मौसम में सितंबर तक सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अक्टूबर और नवंबर में 20 दिन के अंतराल पर 2 या 3 सिंचाई की जरूरत पड़ती है। सिंचाई खुले तरीके से भी की जा सकती है और इसके लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम सबसे अच्छा है।
इस तरह के तुअर को दो तरीकों से लगाया जा सकता है, पहला तरीका नर्सरी तैयार करके, इसके लिए 50 किलो मिट्टी, 50 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद या केंचुआ खाद, 1 किलो चूना पाउडर और 1 किलो नीम पाउडर मिलाकर 2.5 इंच × 6 इंच का पॉली बैग भर लें और उसमें बीज को 1 से 1.5 इंच की गहराई पर बो दें। इस विधि में 1 एकड़ में 750 ग्राम बीज की जरूरत होती है। दूसरा तरीका है बीज को सीधे खेत में बोना। जब बीज को सीधे खेत में बोया जाता है तो दो-दो बीज एक साथ बोने चाहिए, इसकी गहराई 1 से 1.5 इंच रखनी चाहिए। ऐसे में एक एकड़ में 1 किलो बीज की जरूरत होती है।
बीजों का उपचार करने से पहले बीजों को पहले 3 से 4 घंटे तेज धूप में रखें। इसके बाद 2 लीटर गाय के गोमूत्र, ताजा या पुराना, 200 ग्राम धनिया पाउडर और 200 ग्राम लाल मिर्च पाउडर का घोल तैयार करें और उस घोल में बीज को 10 मिनट तक डुबो कर रखें, इसके बाद बीज को निकालकर 10 मिनट तक छाया में रखें। इसके बाद इसे फैलाकर या सुखाकर रखें।