सिंदूर का आजकल काफी इस्तेमाल होता है. वैसे तो सिंदूर आपको आसानी से मिल जाता है, लेकिन असली सिंदूर मिलना बहुत मुश्किल है. जैसा कि आप जानते हैं, केमिकल वाले सिंदूर के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी रोग, सिरदर्द जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग प्राकृतिक सिंदूर का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, जिसकी वजह से इसकी मांग काफी बढ़ गई है.
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सिंदूर का पेड़ कैसे मिलता है?
बहुत कम लोगों को पता है कि सिंदूर एक पेड़ से प्राप्त होता है. भारत में कई जगहों पर सिंदूर की खेती की जाती है. इसकी मांग भी काफी ज्यादा है, इसलिए आप सिंदूर की खेती करके भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं सिंदूर की खेती के बारे में पूरी जानकारी.
सिंदूर का पौधा कहां उगाया जाता है?
बता दें कि सिंदूर की खेती अभी बहुत ज्यादा व्यापक रूप से नहीं हो पाती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के कई इलाकों में इसकी व्यावसायिक रूप से खेती की जाती है. उत्तर प्रदेश में ये पेड़ बहुत कम देखने को मिलते हैं. लखनऊ स्थित राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के गार्डन में भी ये पौधा लगाया गया है. इस पौधे में लाल रंग की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर महिलाएं करती हैं.
सिंदूर के पौधे के फायदे
सिंदूर का इस्तेमाल महिलाओं में ज्यादा होता है क्योंकि यह बहुत सुंदर दिखता है. सिंदूर के पौधे के बीजों से निकलने वाले प्राकृतिक रंग वाले कॉस्मेटिक्स काफी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. दरअसल, ये पौधा कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. गौर करने वाली बात ये है कि कॉस्मेटिक्स में इसका इस्तेमाल लिपस्टिक, हेयर डाई, नेलपॉलिश और लिक्विड सिंदूर बनाने में किया जाता है. इसके अलावा, इसके प्राकृतिक रंग का इस्तेमाल पेंट बनाने में भी किया जाता है. बाजार में मिलने वाले सिंदूर में मरकरी सल्फेट होता है जो हमारी त्वचा और बालों के लिए बहुत हानिकारक होता है.
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सिंदूर की खेती कैसे करें?
अगर आप सिंदूर के पौधे की खेती करना चाहते हैं तो बता दें कि इसकी खेती करने में कम खाद और पानी की जरूरत होती है. ज्यादा पानी और खाद डालने से इसके फल अच्छे नहीं निकल पाते हैं और पौधा खराब हो जाता है. इसकी खेती बीजों और नर्सरी के जरिए गमलों में आसानी से की जा सकती है. लेकिन इन पौधों को उगाने के लिए कुछ खास मौसम की जरूरत होती है.