Pandhurna/संवाददाता गुड्डू कावले पांढुरना:- प्री मानसून का समय चला रहा है। बिजली विभाग के वरिष्ट आला अधिकारी जानते है की इस समय सुरक्षा संसाधनों के बैगर बिजली मरम्मत कार्य करना मतलब जान से हाथ धोना जैसी घटना को आजम देना होता है यदि कर्मचारी को करंट लगा और उसकी दुर्घटना में मौत हो जाए तो विभाग मात्र खानापूर्ति कर सबकुछ रफारफा कर देता है।और दर्द तो उस परिवार से पूछो जिस परिवार का मुखिया बिजली विभाग के मरम्मत कार्य में अपनी जान गवां बैठे है?
दरसल यह पूरा मामला शाह पेट्रोल पंप के सामने स्थित डीपी का टाउन टू फीडर के केबल अचानक जल जाने। के बाद का है।जहा एक भी कर्मचारी के पास डीपी और लोहे के पोल पर चढ़ने के पहले कोई सुरक्षा संसाधन उपलब्ध नहीं है।मिली सूचना के बाद बिजली विभाग के टेकेदार के आउट सोर्स कर्मचारियों की टीम ने बैगर सुरक्षा संसाधनों के नियमो को ताक पर रखकर केबल बदलने का कार्य किया है।
शहर के 7वार्डो की बिजली सप्लाई अचानक बंद होते ही। बिजली विभाग कर्मचारी त्वरित शुरू करने विभागीय कार्य के दौरान एक भी कर्मचारी यो के सर पर कैफ थी न ही हाथो में गबलज बैगर सुरक्षा संसाधनों से मरम्मत कार्य करने के समय बिजली विभाग के अधिकारी भी यह नहीं देखे गए ऐसी बढ़ी लाफरवाही के लिए कोण जिमेदार है?ऐसी स्थिति में विभागीय अधिकारी की जिमेदारी तय होना अत्यंत अवशक है?
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हालाकि बिजली विभाग के टेकेदार आउट सोर्स कर्मचारियों ने पूरी टीम ने डीपी का टाउन टू फीडर का केबल बदला और शहर के बंद बिजली को शुरू करवाया जहां शहर के शंकर नगर वार्ड, रानी दुर्गावती वार्ड, जलाराम वार्ड, संतोष माता वार्ड, गायत्री कॉलोनी, गढ़खापा और 11 खोली लोगों ने राहत की सास ली है।