Panna/संवाददाता नूरुद्दीन काजी:- जिले के अजयगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम बरौली में स्वीकृत स्थान से हटकर अवैध रूप से क्रेशर मशीन का संचालन और अवैध उत्खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर खनिज अधिकारी और कलेक्टर के द्वारा 23 जनवरी 2024 को कार्रवाई करते हुए स्वीकृति निरस्त कर क्रेशर मशीन और उत्खनन पर रोक लगाते हुए लगभग एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया गया था, जिस पर क्रेशर संचालक अवधेश सिंह परिहार निवासी छतरपुर के द्वारा सागर कमिश्नर के समक्ष अपील की गई, जिस पर एक माह का स्टे आर्डर मिला फिर कमिष्नर सागर के द्वारा कलेक्टर के आदेष को यथावत रख कर अपील को खारिज कर दिया गया। इसके बाद क्रेशर संचालक हाईकोर्ट पहुंचा जहां हाईकोर्ट द्वारा स्टे इस शर्त पर दिया गया कि स्टे के दौरान क्रेशर संचालक एवं उत्खनन बंद रहेगा। इसके बावजूद क्रेशर संचालन, उत्खनन व ब्लास्टिंग जारी है। उक्त क्रेषर की पर्यावरण एनओसी भी खत्म बताई जा रही है।
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ग्राम बरौैली के लिए मुसीबत बनी अवैध क्रेशर
हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए क्रेशर संचालक के द्वारा मनमाने तरीके से क्रेशर संचालन के साथ-साथ स्वीकृत जमीन से हटकर सैकड़ों फिट की ऊंचाई पर पहाड़ में एलएनटी मशीन से उत्खनन और अंधाधुंध ब्लास्टिंग की जा रही है, जिससे कुछ ही दूरी पर ग्राम बरौली के आम नागरिकों के पेयजल हेतु सरकारी पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हो गई है। रिहायसी मकानों में दरारें पड़ रही हैं। ब्लास्टिंग की वजह से उछलने वाले पत्थर बस्तियों में पहुंच रहे हैं जिससे आम नागरिक बच्चे और पशुओं पर खतरा मंडरा रहा है, कई लोग इन पत्थरों से जख्मी हो चुके हैं।
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गांव सहित धार्मिक स्थल, खेत खलिहान व पर्यावरण पर संकट
आस-पास के पेड़ पौधे, जलाषय, धार्मिक स्थल, शान्तिधाम को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पर्यावरण को घोर क्षति पहुंचाई जा रही है, आसपास के किसान खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। केषर की डस्ट से गांव में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। बताया गया है कि क्रेशर संचालक को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है एवं एक स्थानीय नेता गोपनीय रूप से पार्टनर भी है शायद इसी वजह से कड़ी कार्यवाही नहीं हो रही, जिससे क्रेशर संचालक के हौसले बुलंद है और वह शिकायतकर्ताओं को धमकियां देने लगा है, जिससे लोग परेशान हैं। अब देखना यह होगा कि आम नागरिकों की सुविधाओं को तहस-नहस करते हुए उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले क्रेशर संचालक अवधेश सिंह परिहार निवासी छतरपुर की मनमानी के खिलाफ कब तक कार्यवाई होती है।