आज हम आपके भैंस की एक ऐसी नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाने वाले हैं। यह भैंस की एक ऐसी नस्ल है जो की सबसे ज्यादा दूध देने में सक्षम होती है। इस भैंस की नस्ल के पालन से किस रातों-रात मालामाल बन सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर गाय-भैंस के पालन को ही प्राथमिकता दी जाती है। यदि आप भी किसान हैं और भैंस खरीदने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आप इस नस्ल की भैंस को आज ही अपने घर में ला सकते हैं जो आपको कुछ ही दिनों में मालामाल बना देगी।
रजनीगंधा की खेती से किसान होंगे अमीर, इसमें कम खर्चे में है ज्यादा कमाई, जानिए कैसे
इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं भदावरी नस्ल के बारे में, इस भैंस के दूध का उपयोग दही, खीर, पेड़ा आदि बनाने में किया जाता है। इस भैंस का दूध बहुत ही गाढ़ा होता है। इसमें वसा की मात्रा भी काफी अधिक होती है। जिस कारण इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है। जिस कारण किसान इस भैंस को पालना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। इसके दूध में वसा की मात्रा 15 से 18% तक होती है। आइये आपको बताते हैं कि आपको यह भैंस कहां-कहां मिल सकती है।
जानिए कहाँ पायी जाती है ये नस्ल
यह भैंस बहुत ही ज्यादा दूध देने में सक्षम होती है जिससे आपको बहुत ही ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। इस नस्ल का जन्म स्थान भदावर के नाम से जाना जाता था। जिस कारण इस नस्ल का नाम भदावरी नस्ल पड़ा। ये भैंस की नस्ल आपको आगरा, इटावा, भिंड और ग्वालियर जिले के आस-पास आसानी से मिल जाएगी। इसीलिए आप इसे यहां से ला सकते हैं जिसके बाद आप बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। आइये आपको बताते हैं क्या होती है इन भैंसों की विशेषताएं।
क्या है खासियत
भदावरी नस्ल की भैंस हर जलवायु के अनुसार ढल जाती है। इन नस्ल की मांग बहुत ही ज्यादा होती है। हर पशुपालक दूध से अन्य प्रोडक्ट भी प्राप्त करना चाहता है। जिस कारण इस भैंस का पालन बहुत ही अच्छे से करते हैं। यह कम भोजन में भी अच्छी गुणवत्ता का दूध दे देती है। इसके भोजन पर बहुत ही कम खर्च होता है। भदावरी नस्ल पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी अधिक होती है कि इसमें किसी भी तरह के रोग होने की संभावना नहीं रहती और यह बहुत ज्यादा दूध देने में सक्षम होती है।
किसानो को लाखो रुपये की कमाई करा कर देंगी यह खास चीज, तगड़े उत्पादन के साथ कमाई भी ताबड़तोड़
कैसे कर सकते हैं पालन
भदावरी नस्ल की भैंस का पालन आप आसानी से घर में कहीं भी खूंटा ठोक कर कर सकते हैं। इनका वजन भी कम होता है। साथ-साथ इनका आकार भी छोटा होता है। जिस कारण गरीब पशुपालक भी इनका पालन आसानी से कर सकते हैं। इनको भोजन की मात्रा भी कम लगती है और यह हर जलवायु के हिसाब से ढल जाती है। इसके पशु शेड में ज्यादा साफ सफाई की आवश्यकता भी नहीं होती है। आप यदि इसका पालन करते हैं तो ध्यान रहे कि इसे ऐसे स्थान पर रखें, जहां अच्छी हवादार जगह हो। उसके अलावा उनके भोजन और पानी की भी उचित व्यवस्था आपको रखनी होगी।