आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे फल की जिसकी मांग देश-विदेश में बहुत अधिक है। इसका स्वाद भी बेहद लाजवाब होता है, जिसके कारण लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। सेहत के लिहाज से भी यह फल बेहद फायदेमंद है, जिसकी वजह से इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं एवोकाडो की, जिसकी खेती आजकल देश के किसानों को मालामाल बना रही है।
एवोकाडो के फायदे
एवोकाडो सेहत का खजाना है। इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स पेट को देर से भूखा महसूस कराते हैं, जिससे भूख की समस्या से राहत मिलती है। वजन को नियंत्रित रखने में भी यह मददगार है। दिल की सेहत के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं है। आंखों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देता है, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और चेहरे की चमक को बनाए रखने में मदद करता है।
एवोकाडो की खेती
पहले एवोकाडो की खेती मुख्य रूप से विदेशों में होती थी, जिसके कारण इसकी कीमतें काफी ज्यादा थीं। लेकिन अब भारत में भी इसकी खेती होने लगी है। देश के दक्षिण-मध्य भाग में तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पूर्वी हिमालयी राज्य सिक्किम में इसकी खेती की जा रही है। एवोकाडो की खेती के लिए सबसे पहले इसके बीज तैयार करने की जरूरत होती है। ये बीज नर्सरी में तैयार किए जाते हैं और फिर खेत में लगाए जाते हैं। नर्सरी में एवोकाडो के पौधे तैयार होने में 7 से 9 महीने का समय लगता है। इसके बाद इन्हें खेत में स्थानांतरित किया जा सकता है। फल लगने में कम से कम 5-6 साल का समय लगता है।
कमाई करोड़ों में
विदेशों में एवोकाडो की नियमित मांग रहती है। अगर आप एक एकड़ में भी इसकी खेती करते हैं तो हर महीने कम से कम 20 से 25 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि एवोकाडो की कीमत किलो या दर्जन के हिसाब से नहीं बल्कि प्रति फल के हिसाब से होती है।