एक बार लगा दो और साल भर छापते रहो नोटों की गड्डिया बिना खाद ताबड़तोड़ उत्पादन देती ये फसल

By Karan Sharma

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एक बार लगा दो और साल भर छापते रहो नोटों की गड्डिया बिना खाद ताबड़तोड़ उत्पादन देती ये फसल

हमारे देश में अधिकांश किसान पशुओं का पालन करते हैं और दूध बेचकर अपनी आय बढ़ाते हैं। जानवरों से अधिक दूध का उत्पादन तभी संभव है जब उनके आहार में पौष्टिक हरा चारा शामिल हो। आज हम आपको ऐसे ही एक चारे के बारे में बताएंगे, जिससे आपके पशुओं की दूध देने की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।

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बरसीम की खेती कैसे करें

आज हम बात कर रहे हैं बरसीम की खेती की। इसके लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। इस चारे की बुवाई से पहले भूमि को 3 से 4 बार जोतकर ढीला बनाना चाहिए। इसकी बुवाई 10 अक्टूबर से 15 नवंबर तक करना सही रहता है। अगर आप पहली कटाई में ही ज्यादा चारे की पैदावार लेना चाहते हैं तो बरसीम में एक किलो प्रति एकड़ ता-9 सरसों का बीज मिलाकर बोना चाहिए। इसकी सिंचाई हर हफ्ते के अंतराल पर 3 से 4 बार करनी चाहिए। इसके बाद फरवरी अंत तक 25 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें।

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कितना होगा मुनाफा

यह फसल किसानों के लिए वरदान मानी जाती है क्योंकि इससे किसानों को बहुत लाभ होता है। यह बेहद मुनाफे वाली खेती है जिससे आपको बहुत अधिक लाभ होगा। इससे आपको एक एकड़ में 100 से 120 टन हरा चारा मिलता है। इससे न केवल आपका मुनाफा बढ़ता है बल्कि आपके पशुओं की दूध देने की क्षमता भी बढ़ती है। इसका बीज उत्पादन जून के आखिरी हफ्ते तक तैयार हो जाता है। इससे एक एकड़ खेती में लगभग 20 से 30 लाख रुपये का मुनाफा होता है।

बरसीम की खेती करके आप न सिर्फ अपने पशुओं को बेहतर पोषण दे सकते हैं बल्कि अपनी आय में भी जबरदस्त इजाफा कर सकते हैं।

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