किसान मित्रों, धान खरीफ की प्रमुख फसल है. परंपरागत रूप से इसकी खेती रोपाई करके की जाती रही है. लेकिन अब कुछ प्रगतिशील किसान सीधी बुवाई की तरफ रुख कर रहे हैं. सीधी बुवाई में कम पानी की जरूरत होती है और उपज भी अच्छी मिल रही है. हालांकि इसमें खरपतवार की समस्या ज्यादा होती है. इसलिए अभी तक सीमित क्षेत्र में ही इसकी खेती की जा रही है.
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धान की उपज आपकी मिट्टी, पानी और बीज पर निर्भर करती है. आप कौन सा बीज चुनते हैं, इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ता है. इसलिए हमेशा ऐसे ही धान की किस्मों का चुनाव करना चाहिए जो अच्छी पैदावार दें. इस लेख में हम आपको धान की ऐसी ही 5 किस्मों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में किसानों को बेहतरीन उपज दी है.
धान की 5 उन्नत किस्में (Top 5 Paddy Varieties):
बाजार में कई बीज कंपनियों के हाइब्रिड धान के बीज उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख किस्में इस प्रकार हैं:
सवाना सीड्स (Savanna Seeds):
इस कंपनी की कई किस्में सीधी बुवाई के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख किस्में हैं – सावा-7501 और सावा-7301.
टैटा सीड्स (Tata Seeds):
टैटा सीड्स की टाटा-8336 किस्म भी सीधी बुवाई के लिए अच्छी मानी जाती है.
कावेरी सीड्स (Kaveri Seeds):
कावेरी सीड्स की कावेरी-7299 किस्म सीधी बुवाई और रोपाई दोनों के लिए उपयुक्त है.
आइए, अब इन किस्मों की विस्तार से जानते हैं:
सावा-7501 (Sawa-7501):
यह सवाना सीड्स की एक हाइब्रिड किस्म है.
इसकी औसत पैदावार 40 से 42 क्विंटल प्रति एकड़ है.
पकने में 125 से 130 दिन का समय लेती है.
तना मजबूत होता है और झुकने का Gefahr (gefahr is German for danger) नहीं होता है.
ब्लाइट और होपर जैसी बीमारियों की भी इसमें कम समस्या रहती है.
कावेरी-7299 (Kaveri-7299):
यह कावेरी सीड्स की एक हाइब्रिड किस्म है.
दाने मध्यम लंबाई के होते हैं.
110 दिन में पककर तैयार हो जाती है.
20 से 25 दिन के पौधे की रोपाई करने पर अच्छी पैदावार देती है.
औसत पैदावार 35 से 38 क्विंटल प्रति एकड़ है.
टाटा-8336 (Tata-8336):
यह टैटा सीड्स की एक हाइब्रिड किस्म है.
125 दिन में पककर तैयार हो जाती है.
तना मजबूत होता है.
दाने मोटे और भारी होते हैं.
अन्य किस्मों के तुलना में इसमें दानों का झड़ना कम होता है.
औसत पैदावार 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है.
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सावा-7301 (Sawa-7301):
यह सवाना सीड्स की एक लोकप्रिय हाइब्रिड किस्म है.
115 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है.
औसत पैदावार 32 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ है, लेकिन अच्छी देखभाल के साथ 38 से 40 क्विंटल तक भी उपज हो सकती है.