अफीम की खेती, जिसे “काला सोना” के नाम से भी जाना जाता है, भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। किसानों के बीच उत्साह बढ़ रहा है, और वे इस लाभदायक फसल को अपनाने के लिए उत्सुक हैं। अफीम की खेती के माध्यम से, किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं।
अफीम की खेती का लाभ
अफीम की खेती में कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह कम मेहनत और कम लागत वाली फसल है। इसके अलावा, अफीम की बाजार की मांग अधिक है, जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है। मेवाड़ क्षेत्र में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, और किसानों के चेहरे पर खुशी की चमक देखी जा सकती है।
अफीम की खेती कैसे करें
अफीम की खेती रबी की फसल के रूप में की जाती है, जो सर्दियों के मौसम में बोई जाती है। अक्टूबर से नवंबर के महीनों में इसकी बुवाई की जाती है। बुवाई से पहले, भूमि को तीन से चार बार जोता जाता है और गोबर और अन्य खाद मिलाकर उपजाऊ बनाया जाता है। फिर बीजों को खेत में बोया जाता है। अफीम की फसल को बढ़ने में लगभग चार से पांच महीने का समय लगता है।
अफीम की खेती से कितना लाभ हो सकता है
अफीम की कीमत 3000 रुपये प्रति किलो है। यदि आप अफीम की खेती करते हैं, तो आपको कई गुना लाभ होगा। आप एक या दो एकड़ में भी अफीम की खेती कर सकते हैं, जिससे आपको प्रति माह लगभग 50 से 60 हजार रुपये का लाभ होगा। अफीम का काला बाजार में लाखों रुपये प्रति किलो में बिकता है, जबकि भारत में इसकी आधिकारिक कीमत 3000 रुपये प्रति किलो है। अफीम की खेती करके आप लाखों रुपये के मालिक बन सकते हैं।
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