गेहूँ की इन किस्मों की करे बुवाई, कम पानी में मात्र 150 दिन में होता है छपड़ फाड़ उत्पादन भारत के किसान अपनी फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। गेहूं की खेती में भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत कार्यरत भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के वैज्ञानिकों ने गेहूं की पांच नई उच्च उत्पादन क्षमता वाली किस्में विकसित की हैं। ये किस्में मार्किट में किसानों के लिए उपलब्ध है और आगामी बुवाई सत्र अक्टूबर से शुरू हो जाएगा।
इन पांच उन्नत गेहूं किस्मों को आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के वैज्ञानिकों ने जलवायु अनुकूल बताया है और इनकी उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल तक बताई गई है। इससे किसानों को प्रति एकड़ औसतन 20-22 क्विंटल से 5-10 क्विंटल अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
गेहूँ की इन किस्मों की करे बुवाई, कम पानी में मात्र 150 दिन में होता है छपड़ फाड़ उत्पादन
DBW-370 गेहूं किस्म
- उपज क्षमता: 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
- पकने का समय: 150 दिन
- उपयोग: चपाती और अन्य गेहूं आधारित खाद्य उत्पादों के लिए
- रोपण क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश
DBW-371 गेहूं किस्म
- उपज क्षमता: 75.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
- पकने का समय: 150 दिन
- रोपण क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (झांसी मंडल को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड
DBW-372 गेहूं किस्म
- उपज क्षमता: 75.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
- पकने का समय: 151 दिन
- रोपण क्षेत्र: भारत के अधिकांश गेहूं उत्पादक क्षेत्र