उत्तर प्रदेश में इन दिनों गीर गाय पालने का चलन बढ़ रहा है. इसकी वजह है इससे मिलने वाला दूध, गोबर और गोमूत्र. तीनों ही चीजें बहुत उपयोगी हैं. यही कारण है कि कई पशुपालक गीर नस्ल की गाय पालकर अच्छी कमाई कर रहे हैं.
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इसी क्रम में हम बात कर रहे हैं देवरिया जिले के रुद्रपुर सारामतेरी गांव के रहने वाले श्रीनाथ तिवारी की. पेशे से किसान श्रीनाथ ने भारत टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक को बताया कि साल 2019 में उन्होंने गुजरात के सोमनाथ स्थित रामा कृष्ण मंदिर से 8 गीर गायें खरीदी थीं और उन्हें देवरिया ले आए थे. उस वक्त एक गीर गाय की कीमत 1 लाख रुपये थी.
8 गायों से रोज 40 लीटर दूध
श्रीनाथ बताते हैं कि एक गीर गाय 12 से 14 लीटर दूध रोज देती है. इसका दूध बहुत महंगा बिकता है. इसकी एक लीटर की कीमत 70 से 80 रुपये के बीच होती है. यानी 8 गायों से रोजाना 40 लीटर दूध का उत्पादन होता है. डेयरी से जुड़े व्यापारी आकर यह दूध खरीद ले जाते हैं. उनकी बताई हुई जानकारी के मुताबिक रोजाना 12 हजार रुपये की बिक्री हो जाती है. वहीं, खर्चा निकालने के बाद महीने में 3 लाख रुपये की बचत हो जाती है.
गोमूत्र भी है बहुत फायदेमंद
देवरिया के सफल किसान श्रीनाथ तिवारी ने आगे बताया कि सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि उससे बने उत्पाद भी बिक रहे हैं. गोबर से खाद बनाया जाता है और गोमूत्र में भी कई महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं. इस वजह से गोमूत्र का इस्तेमाल गोबर से बनी खाद में भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गीर गाय का गोबर प्राकृतिक खाद के रूप में इस्तेमाल होता है. इसमें नाइट्रोजन की भरपूर मात्रा होती है, जो जमीन और फसल की वृद्धि के लिए फायदेमंद है. गोमूत्र भी बहुत उपयोगी है. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जिससे शरीर को फायदा पहुंचता है. गोमूत्र में कैल्शियम, अमोनिया, फ्लोराइड और फॉस्फोरस जैसे कई खनिज पाए जाते हैं.
कैसे पहचाने देसी गीर गाय
बता दें कि गीर गाय को भारत की सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय माना जाता है. इस गाय का शरीर का रंग सफेद होता है, जिस पर गहरे लाल या चॉकलेटी भूरे रंग के धब्बे होते हैं. इनके कान लंबे और लटके हुए होते हैं. त्वचा बहुत ढीली और लचीली होती है. सींग पीछे की ओर मुड़े होते हैं. एक मादा गीर का औसत वजन 385 किलो और ऊंचाई 130 सेंटीमीटर होती है, जबकि एक नर गीर का औसत वजन 545 किलो और ऊंचाई 135 सेंटीमीटर होती है. एक गीर गाय औसतन 2110 लीटर दूध देती है. यह गाय रोजाना 12 लीटर से ज्यादा दूध देती है. इसके दूध में 4.5 प्रतिशत वसा होता है.
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सरकार कर रही है किसानों को प्रोत्साहित
आपको बता दें कि सरकार भी दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को गाय पालने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसे लेकर कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. नाबार्ड की तरफ से भी डेयरी उद्योग के लिए किसानों को मदद दी जाती है. इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक भी किसानों को डेयरी खोलने के लिए लोन देता है.