पशुपालन आजकल ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनता जा रहा है. दूध और दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पशुपालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है. आज हम आपको एक ऐसी भैंस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद आप कम ही जानते होंगे. ये भैंस है – गोदावरी भैंस!
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गोदावरी भैंस: मूल और पहचान
गोदावरी भैंस, जैसा कि नाम से पता चलता है, मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले और कृष्णा डेल्टा के इलाकों में पाई जाती है. ये असल में दो नस्लों के मिश्रण से बनी एक संकर प्रजाति है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये दूध उत्पादन के मामले में मशहूर मुरRAH जैसी भैंसों को भी टक्कर देती है.
आइए अब जानते हैं गोदावरी भैंस की पहचान कैसे करें:
- गोदावरी भैंस का शरीर भारी और मजबूत होता है.
- इनका रंग आमतौर पर हल्का भूरा, काला या हल्का धूसर होता है.
- सींग छोटे, चपटे और घुमावदार होते हैं.
- गर्दन लंबी और पतली होती है तथा आंखें बड़ी होती हैं.
- पूंछ घनी और मोटी होती है.
- इनके थन पूरी तरह विकसित होते हैं.
फायदे में फायदा: गोदावरी भैंस पालन के फायदे
दो नस्लों की ताकत रखने वाली गोदावरी भैंस का पालन दूसरी नस्लों की तुलना में आसान है. इनके रख-रेख में ज्यादा खर्च नहीं आता. आइए गोदावरी भैंस पालन के कुछ खास फायदों के बारे में जानते हैं:
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: गोदावरी भैंस में दो नस्लों की ताकत होती है, जिससे इनमें रोगों से लड़ने की क्षमता भी ज्यादा होती है. ये आसानी से क्षेत्रीय बीमारियों का सामना कर सकती हैं.
- पर्यावरण के अनुकूल: गोदावरी भैंस किसी भी तरह के वातावरण और कठिन परिस्थितियों में भी खुद को ढाल लेती है.
- आहार: हरे चारे, घास और फसलों को खाकर भी गोदावरी भैंस अच्छी गुणवत्ता वाला दूध दे सकती है.
- संतान प्राप्ति क्षमता: गोदावरी भैंस में दूध देने के साथ-साथ संतान पैदा करने की क्षमता भी अच्छी होती है. इनका गर्भधारण काल 280 दिन होता है.
- कम लागत, ज्यादा मुनाफा: गोदावरी भैंस की देखभाल करना काफी आसान है और इन्हें कम लागत में पाला जा सकता है. इससे पशुपालकों को ज्यादा मुनाफा होता है.
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दूध उत्पादन: कितना दूध देती है गोदावरी भैंस?
अच्छी देखभाल और सही आहार में एक गोदावरी भैंस 6 से 9 लीटर दूध रोजाना दे सकती है. वहीं, बेहतर प्रबंधन में ये 12 से 16 लीटर दूध देने में भी सक्षम है. गोदावरी भैंस के दूध में 5 से 7 प्रतिशत तक वसा की मात्रा पाई जाती है. एक लैक्टेशन पीरियड (दूध देने का समय) में ये औसतन 1500 से 2100 लीटर दूध देती है.
गोदावरी भैंस पशुपालन के लिए एक बढ़िया विकल्प है. उम्मीद है कि ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी!