Harda/संवाददाता मदन गौर :- ग्राम बालागाँव और आसपास के किसान हो रहे परेशान अल्प वर्षा होने के कारण खेतों में पानी का भराव नहीं होने के कारण किसान काफी चिंतित परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर फसल में खरपतवार ना हो जाऐ और बीमारी लगने के कारण जैसे जैसे कुछ सोयाबीन की बैराठी पीला पड़ रही है जिससे किसान चिंतित है सफेद रंग का कीड़ा लगने से सोयाबीन की फसल का रस चूसकर ही अंदर फसल को सुखा रहा है जिससे कि फसल ऊपर हरी दिखती है और जब उस पर हाथ लगाते हैं तो फसल कटी हुई दिखती है यह समस्या कहीं सूक्ष्म मात्रा में है अगर यह बड़े पैमाने पर फैल गई तो जिससे खेत के टांके की टांके सूख कर फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है।
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किसान रामौतार गौर ने बताया कि फसल में यह कीड़ा जमीन के अंदर मिट्टी में दबा हुआ होता है जिससे कि फसल ऊपर से हरी दिखती और जमीन में कीड़ा होता है वह फसल को काट देता है कुछ किसानों ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि यह कीड़े का एक मात्र यह विकल्प है कि अगर पानी आ जाता है तो इसके बाद दवा डालकर इसे मारा जा सकता और उनके द्वारा किसान को इस संदर्भ में आवेदन कर अधिकारियों को अवगत कराएं वैसे संपूर्ण हरदा जिले खरीब की फसल सोयाबीन की बोनी पूर्ण हो चुकी है और हर खेत ने हरियाली की चुनर ओढ़कर लहलहा रहे है। जिले में कुछ एरिया में फसल 15 से 20 दिन की अवधि की हो चुकी है और कहीं 8 से 10 दिन की अवधि की हुई है
किसान इन दिनों अपने खेतों में खरपतवार नाशक दवा डाल कर खरपतवार नष्ट करने में लगे हुए हैं वहीं कुछ किसान अपनी फसल में कुल्पा हांक रहे है जिससे खेत मैं मातृ फसल भी सुरक्षित रहे और खरपतवार नाशक नष्ट हो जाए लेकिन इस समय फसलों के लिए पानी की बेहद जरूरी है विगत 8 से 10 दिन के अंतराल होने के कारण फसल पानी पर आ चुकी है जिन किसानों ने खरपतवार नाशक डाली है वह फसल हल्की सी पीली पड़ती नजर आ रही है तेज धूप पड़ने के कारण फसल की बढ़वार भी रुक चुकी है जिन किसानों ने अपने खेत में खरपतवार नाशक दवा डाली है
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वह किसान काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं अगर समय पर पानी नहीं आया तो उन सोयाबीन की फसल और नुकसान देखने को मिलेगा बोनी कर चुका किसान पानी के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए आस लगा कर बैठा है वैसे पानी कहीं रिमझीम तो कहीं मूसलाधार गिर रहा वो भी टुकड़े एरिया में बुजुर्गों का कहना है कि पहले कुआर के महिने में ऐसा ही पानी गिरता था एक बैल का सींग भींग जाए और एक सूखा जो पुराने जमाने के बाद आज देखने को मिल रहा है ऐसा नजारा