Harda/संवाददाता मदन गौर:- प्रशासनिक अधिकारियों का यही काम होता है कि जिले में जो भी अवैध गतिविधियां हो रही है उस पर प्रभावित ढंग से रोक लगाएं। नर्मदा नदी के अवैध उत्खनन की कहानी बेहद दिलचस्प है जिस पर अभी तक जितने भी कलेक्टर और एसपी आए हैं कभी भी मैदानी स्तर पर जाकर रोक लगाने के प्रयास नहीं किए। नर्मदा में अवैध उत्खनन का मामला जब-जब उठता था कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक हाथ खड़े कर देते थे। उनका एक ही रटा- रटाया वाक्य होता था, दिखवाते हैं लेकिन दिखवाते कभी नहीं थे। क्योंकि उनको पता था कि मैदानी स्तर पर क्या चल रहा है।जब एसपी और कलेक्टर मामले को नजरअंदाज करते थे तब उनके अधीनस्थ टीम वसूली में लग जाती थी ।
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हरदा जिले में पहली बार ऐसा हो रहा है की कलेक्टर आदित्य सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे एयर कंडीशन से बाहर निकल कर रेत की खदानों तक पहुंच गए । बीती रात खदानों का निरीक्षण भी किया और नाको की जांच भी की । दोनों अधिकारियों पर कोई दबाव नहीं था, लेकिन व्यवस्था को सुधारने के लिए स्वतः संज्ञान लिया ।अब कलेक्टर और एसपी के निरीक्षण के बाद प्रत्येक थाने का थाना प्रभारी और एसडीएम कभी कोताही नहीं बरतेगें। अवैध उत्खनन को बढ़ावा नहीं देंगे, ऐसा विश्वास है।
दरअसल अवैध उत्खनन के मामले में सब पैसों का खेल होता है लेकिन नवागत अधिकारियों को शायद पैसे से कोई लेना देना नहीं है इसलिए नर्मदा अवैध उत्खनन के विरुद्ध कड़े कदम उठाना शुरू कर दिए है। हो रही कार्रवाई और निरीक्षण करने से तो यही पता चलता है । कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से मंगलवार रात को हंडिया तहसील के ग्राम भमोरी, मनोहरपुरा और सुरजना का दौरा कर वहां नर्मदा नदी में से होने वाले रेत के अवैध उत्खनन व उसके परिवहन का निरीक्षण किया, अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावी ढंग से रोक लगाए। इस दौरान एसडीएम हरदा, एसडीओपी हरदा, तहसीलदार हंडिया सहित खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री सिंह व पुलिस अधीक्षक श्री चौकसे ने हरदा के खेड़ीपुरा स्थित खनिज जांच नाके का निरीक्षण किया और मौके पर उपस्थित कर्मचारियों से रेत के परिवहन की जांच के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने नाके पर मिली पंजी का अवलोकन भी किया।
खेतों में तलाव के नाम से अवैध उत्खनन पर भी कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई की पिछले तीन दिनों में जेसीबी और पोकलेन मशीने जब्त की गई है।
प्रिंट रेट से अधिक पर बिक रही शराब पर पहली बार पाबंदी लगी है। जिले में लंबे समय से प्रिंट रेट से अधिक पर शराब बिकती रही मगर किसी भी अधिकारी के द्वारा पाबंदी नहीं लगाई गई ।पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे और कलेक्टर आदित्य सिंह की पहल से पहली बार रोक लगी है। दरअसल पूर्व में प्रिंट रेट से अधिक पर शराब बिकने पर जो पैसा आता था अधिकारियों की हिस्सेदारी होती थी, इसलिए ठेकेदार को खुली छूट दे दी गई थी। लेकिन वर्तमान के कलेक्टर और एसपी ने सब कुछ ठुकरा दिया और अव्यवस्था को सुधार दिया ।
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और अंत में जिस तरीके से कलेक्टर आदित्य सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे अपने-अपने क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं आने वाले समय में और भी अव्यवस्थाओं में सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है। लोकसभा चुनाव की व्यतताओं से निजात मिलने के बाद और भी सख्त कार्रवाई देखने को मिल सकती है।