किसानों के लिए कम निवेश में अधिक मुनाफा कमाने का सुनहरा अवसर है काला आलू की खेती। सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद इस आलू की खेती किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।
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काला आलू के फायदे
काला आलू न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी खजाना है। इसमें शुगर नहीं होता और कई औषधीय गुण मौजूद हैं। डायबिटीज के मरीज भी इसे बेझिझक खा सकते हैं। इसके अलावा, इसमें 40% आयरन, 15% विटामिन बी-6 और 4% फ्लोरिक एसिड पाया जाता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत अच्छा होता है। इन गुणों के कारण काले आलू की कीमत सामान्य आलू से कहीं अधिक होती है।
काला आलू की खेती
काले आलू की खेती करना बहुत मुश्किल नहीं है। इसे खरीफ सीजन में उगाया जा सकता है और इसकी देखभाल सामान्य आलू की तरह ही करनी होती है। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी होती है।
बीज बोने का सही समय 15-25 सितंबर या 15-25 अक्टूबर के बीच होता है। हालांकि, इसे 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच भी बोया जा सकता है। अच्छी पैदावार के लिए खेत को तीन-चार बार गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें। इससे आलू बड़े आकार के बनेंगे।
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काले आलू से कमाई
सेहत के लिए फायदेमंद होने के कारण काले आलू की कीमत सामान्य आलू से तीन से चार गुना अधिक होती है। यही वजह है कि इसे ‘काला सोना’ भी कहा जाता है। कई किसान उत्तर प्रदेश में इसकी खेती करके मालामाल हो रहे हैं। काले आलू की कीमत लगभग 100 रुपये प्रति किलो होती है, जबकि सामान्य आलू की कीमत 25 से 30 रुपये प्रति किलो के बीच होती है। इस तरह आप देख सकते हैं कि दोनों में कितना अंतर है।
काला आलू की खेती कम मेहनत और अधिक मुनाफे वाला विकल्प साबित हो सकती है। अगर आप भी खेती में रुचि रखते हैं तो काले आलू पर जरूर विचार करें।