राजस्थान सरकार में अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर बड़ा बदलाव (Human Hindi with SEO)
राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर अहम फैसला लिया गया है। आदेश के अनुसार, वे सभी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी, जिन्होंने 15 साल की सेवा पूरी कर ली है या 50 साल की आयु पार कर चुके हैं (जो भी पहले हो), और उनकी कार्यशैली में आलस्य, संदिग्ध ईमानदारी, अक्षमता, अकुशलता या असंतोषजनक कार्य प्रदर्शन के कारण जनहित में उनकी उपयोगिता समाप्त हो गई है, उनकी पहचान कर स्क्रीनिंग के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। ऐसे कर्मचारियों को तीन महीने का नोटिस देकर या उनके तीन महीने के वेतन और भत्तों का भुगतान कर तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा।
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आदेश का सार (सारांश)
राजस्थान सरकार के सभी प्रशासनिक विभागों और विभाग प्रमुखों को आदेश दिया गया है कि वे उपरोक्त आदेश के अनुसार राज्य सेवा के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि निर्धारित समय सीमा के भीतर जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाए। साथ ही हर महीने विभाग द्वारा इसकी जानकारी भी भेजी जाए।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति से संबंधित प्रक्रिया/समय सारणी और दिशानिर्देश
प्रत्येक नियुक्ति प्राधिकारी हर साल 01 अप्रैल को उन कर्मचारियों की सूची तैयार करेगा, जिन्होंने 15 साल की योग्यताधारी सेवा पूरी कर ली है या 50 साल की आयु पूरी कर ली है (जो भी पहले हो)।
संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें विभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली, प्रदर्शन और दक्षता की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों को नामित किया जाएगा।
जांच समिति की सूची में शामिल कर्मचारियों की पृष्ठभूमि, जिसमें कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट, ईमानदारी, डीई, पीई आदि और जनहित से जुड़ाव को देखने के बाद एक संक्षिप्त विवरण की सूची तैयार की जाएगी। यह सूची राज्य समीक्षा समिति को उपलब्ध कराई जाएगी, जो जांच समिति के प्रस्तावों पर निर्णय लेगी और प्रशासनिक विभाग के माननीय मंत्री से स्वीकृति प्राप्त करेगी। उक्त कार्रवाई 31 अक्टूबर तक पूरी कर ली जानी है।
राज्य समीक्षा समिति की सिफारिशों पर निर्णय लेने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेश दिनांक 17.05.2018 के अनुसार गठित उच्च स्तरीय समिति की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद उपरोक्त कार्रवाई विवरण/निर्णय माननीय कार्मिक विभाग को भेजा जाएगा। कार्मिक मंत्री (माननीय मुख्यमंत्री) से स्वीकृति ली जाएगी।
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कार्मिक मंत्री (माननीय मुख्यमंत्री) की स्वीकृति के अनुसार, अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों में विभागीय परिपत्र के अनुसार प्रशासनिक विभाग/नियुक्त प्राधिकारी द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे। उपरोक्त सभी कार्यवाही वित्तीय वर्ष में ही पूरी की जानी है।
ध्यान दें: उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इससे पहले ऐसा ही आदेश जारी किया था, लेकिन भारी विरोध के बाद सरकार ने आदेश वापस ले लिया था।