अब घर में ही हो जाएगी लाल हीरे की खेती 50 ग्राम खरीदने के लिए लेना पड़ेगा बैंक से लोन जाने कैसे

By Ankush Barskar

Published On:

अब घर में ही हो जाएगी लाल हीरे की खेती 50 ग्राम खरीदने के लिए लेना पड़ेगा बैंक से लोन जाने कैसे

केसर की खेती अब सिर्फ कश्मीर तक सीमित नहीं रही है। जी हां, अब घर के अंदर नियंत्रित वातावरण में भी इसकी खेती की जा सकती है और अच्छी गुणवत्ता वाला केसर प्राप्त किया जा सकता है। कई किसान घर के अंदर केसर की खेती करने में सफल हुए हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।

यह भी पढ़िए :- 6 लाख में भारतीय सड़को की बादशाह बनकर आयी Toyota की छमिया चार्मिंग लुक और शाइन फीचर्स देखे कीमत

घर पर केसर की खेती का फायदा यह है कि इसे न सिर्फ कश्मीर में बल्कि देश के किसी भी कोने में उगाया जा सकता है। “द बेटर इंडिया” की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के युवा किसान हर्ष इसे एरोपोनिक्स तकनीक का उपयोग करके कमरे के अंदर उगाते हैं। इस तरह वह अपने कमरे में ही कश्मीर जैसा वातावरण बनाकर सफलतापूर्वक केसर की खेती कर रहे हैं।

कश्मीर को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा केसर उत्पादक माना जाता है। क्योंकि यहां की जलवायु केसर उत्पादन के लिए अनुकूल है, लेकिन महाराष्ट्र की गर्म जलवायु में इसकी खेती करना एक चुनौती थी, लेकिन हर्ष ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करके इसमें सफलता हासिल की।

बेहतर उत्पादन के लिए अपनाएं ये पांच उपाय

घर पर केसर की खेती के लिए अनुकूल वातावरण बनाएं

कमरे के अंदर केसर की खेती के लिए नियंत्रित वातावरण बनाया जाना चाहिए। इसके लिए कमरे को इंसुलेटेड करना चाहिए। इसके लिए थर्मोकॉल या पफ पैनल का इस्तेमाल किया जा सकता है। कमरे के अंदर कश्मीर जैसा वातावरण बनाने के लिए कूलिंग और ह्यूमिडिटी मेन्टेन करने वाली मशीन की जरूरत होगी। केसर की खेती के लिए अंकुरण के समय 15-20 डिग्री और अक्टूबर में 5-7 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।

अच्छी किस्म के कंद खरीदें

केसर की खेती के लिए यूनिट तैयार करने के बाद, अंकुरण के लिए केसर के कंद खरीदने चाहिए। हर्ष का कहना है कि उन्होंने कश्मीर से मोगरा किस्म के कंद खरीदे थे। इसकी कीमत 600-800 रुपये प्रति किलोग्राम है। किसान 100 किलोग्राम कंद खरीदकर खेती शुरू कर सकते हैं। इससे लगभग 30-40 ग्राम की पैदावार प्राप्त होती है।

कंद की उचित देखभाल करें

केसर के कंद में फंगस का खतरा रहता है, इसलिए परिवहन के दौरान खास सावधानी बरतनी पड़ती है। इसलिए सबसे पहले कंदों को उनके आकार के अनुसार छांटना होता है, फिर गंदगी और मिट्टी को साफ करना होता है। इसके बाद बैक्टीरिया को दूर करने के लिए उन्हें नीम के तेल के घोल में डुबाना होता है। फिर उन्हें पंखे के नीचे रखकर सुखाना होता है। इन कंदों को अंकुरण के लिए प्लास्टिक की ट्रे पर रखना चाहिए, इससे फंगस का खतरा कम हो जाता है।

तापमान और स्वच्छता बनाए रखें

कमरे के अंदर केसर की खेती करने के लिए सबसे पहले कमरे के अंदर साफ-सफाई का proper (पूरा) ध्यान रखना है और तापमान को नियंत्रित रखना है। इसके साथ ही कमरे में आर्द्रता को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।

यह भी पढ़िए :- भारत की कोने-कोने में फेमस ये चीज, इसके बिना सब्जी का स्वाद अधूरा करती बीमारियों की हवा टाइट जाने इस स्वादिष्ट चीज का नाम

केसर की कटाई

अक्टूबर के अंत तक, केसर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस समय फूल की धागे जैसी संरचना (केसर की कलई) को केसर की फसल से तोड़ा जा सकता है। इसके बाद इन्हें पंखे के नीचे रखकर अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए। किसान केसर की कलई को 700 रुपये प्रति ग्राम की दर से बेच सकते हैं। यह पानी में घुल नहीं पाती और चमकदार रंग छोड़ती है।

You Might Also Like

Leave a comment