नारी का साग एक ऐसी औषधि है जो कई त्वचा रोगों के इलाज में अद्भुत काम करती है। यह विटामिन और खनिजों का खजाना है। इसका सेवन स्वास्थ्य को बेहतर रखने के साथ-साथ चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। इसका सेवन कई बीमारियों को जड़ से खत्म करता है।
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नारी का साग के फायदे
नारी का साग स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती। एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। नारी के साग में विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इस सब्जी के सेवन से त्वचा और शरीर को कई लाभ मिलते हैं।
नारी का साग के उपयोग
नारी का साग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसकी पत्तियों का उपयोग सब्जी बनाने में किया जाता है जो स्वाद में बहुत ही स्वादिष्ट होती है और सेहत के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इसके एंटी-एजिंग गुण चेहरे की झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने में मदद करते हैं। नारी का साग महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
नारी का साग की खेती
कटिंग तैयार करने के लिए 10-15 सेंटीमीटर लंबी और 4-8 नोड की कटिंग तैयार की जाती है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण के लिए 25,000-30,000 कटिंग की आवश्यकता होती है। सिंचाई का काम नालियों में पानी भरकर किया जाता है और अधिक पानी भरने की स्थिति में पानी निकालने का काम किया जाता है। कटिंग लगाने के बाद 15-20 सेंटीमीटर गहराई तक पानी भर दिया जाता है।
कटाई
कलमी साग के पौधे रोपण के 35-40 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। ऊपरी हरी पत्तियों के साथ टहनियों को जमीनी स्तर से काट दिया जाता है। इससे पार्श्व शाखाओं का विकास होता है और पौधे की वृद्धि तेज होती है।
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आमतौर पर गर्मी और बारिश के मौसम में हर हफ्ते कटाई की जाती है। सब्जी के रूप में एक महीने में 4-5 बार कटाई की जाती है। अच्छी देखभाल और प्रबंधन से एक हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 70-80 क्विंटल हरी पत्तियां प्राप्त होती हैं।