अब बिहार में आम, लीची, केला, अमरूद, पपीता जैसी फसलों पर मिलने वाली सब्सिडी के साथ नारियल भी शामिल हो गया है. जी हां, पहली बार बिहार सरकार ने बागवानी विभाग के अंतर्गत नारियल की खेती को भी शामिल किया है. इससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने का एक नया जरिया मिल गया है. गौरतलalah (worthy of attention) की बात है कि नारियल का पेड़ 60 से 80 साल तक फल देता है. यानी एक बार निवेश, लंबे समय तक आमदनी!
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सब्सिडी का शानदार मौका
बागवानी विभाग नारियल के पेड़ लगाने पर 75 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है. ये सब्सिडी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों के लिए उपलब्ध है. इस योजना का फायदा उठाने के लिए पहले आओ, पहले पाओ की नीति लागू होगी.
सब्सिडी का गणित
योजना के तहत एक किसान को अधिकतम 4 हेक्टेयर तक के लिए अनुदान मिल सकता है. वहीं, आम लोगों के लिए अधिकतम 5 नारियल के पौधे उनके घर, आंगन या दरवाजे पर रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे.
सब्सिडी का लाभ कैसे लें?
बागवानी विभाग नारियल विकास बोर्ड के जरिए किसानों को पौधे मुहैया कराएगा. एक पौधे की कीमत 85 रुपये तय की गई है, जिस पर सरकार 75 फीसदी यानी करीब 63 रुपये का अनुदान देगी. बचे हुए रकम का निवेश किसानों को खुद करना होगा.
नारियल की डिमांड और कमाई
गर्मियों में नारियल पानी की डिमांड काफी बढ़ जाती है. लोग गर्मी से बचने के लिए नारियल पानी का सेवन करते हैं. इसके अलावा पूजा-पाठ आदि में भी नारियल की मांग बढ़ जाती है. बाजार में एक नारियल की कीमत 50 से 60 रुपये तक मिलती है.
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आवेदन कब से?
4 जून के बाद कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से विभाग से पौधे ले सकता है. वहीं, किसान सब्सिडी योजना के लिए 4 जून के बाद ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.