किसानी से गेहूं और धान की खेती छोड़ शुरू करें इस पेड़ की खेती, दिलाएगा तिगुने से भी ज्यादा मुनाफा

By Karan Sharma

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नींबू एक ऐसा फल है जिसकी मांग साल भर बनी रहती है। इसका उपयोग रसोई से लेकर औषधि तक विभिन्न क्षेत्रों में होता है। इसलिए, नींबू की खेती एक लाभकारी व्यवसाय हो सकती है।

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नींबू की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

नींबू की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। हालांकि, यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।

नींबू की उन्नत किस्में

भारतीय कृषि संस्थान, पूसा ने नींबू की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं। इनमें कागजी नींबू (लाइम) की पूसा उदित और पूसा अभिनव तथा लेमन की कागजी कला और पूसा लेमन वन शामिल हैं। ये किस्में अधिक उत्पादन देती हैं और रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती हैं।

नींबू की रोपण विधि

नींबू की रोपण के लिए जुलाई-अगस्त का समय सबसे उपयुक्त होता है। रोपण से पहले गड्ढे की खुदाई करनी चाहिए और उसमें अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद मिलानी चाहिए। पौधों के बीच की दूरी लगभग 4-4.5 मीटर रखनी चाहिए।

नींबू की देखभाल

नींबू के पौधों को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है। खाद और उर्वरक का समय-समय पर उपयोग करना भी जरूरी है। पौधों की कटाई और छंटाई से उत्पादन बढ़ सकता है। नींबू के पेड़ों पर अक्सर कीट और रोग लग जाते हैं, इसलिए समय-समय पर उनकी जांच करनी चाहिए और आवश्यक उपाय करने चाहिए।

नींबू की फसल और उपज

नींबू की फसल किस्म के आधार पर अलग-अलग समय पर पकती है। आम तौर पर, नींबू की फसल नवंबर से अप्रैल तक ली जाती है। अच्छी देखभाल के साथ एक नींबू का पेड़ सालाना कई क्विंटल नींबू का उत्पादन कर सकता है।

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नींबू की मार्केटिंग

नींबू की मांग साल भर रहती है, इसलिए इसकी मार्केटिंग की समस्या कम होती है। हालांकि, अच्छी गुणवत्ता वाले नींबू की मांग अधिक होती है। इसलिए, नींबू को सही समय पर और सही कीमत पर बेचना महत्वपूर्ण है।

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