क्या आप बारिश के मौसम में अच्छी कमाई करना चाहते हैं? अगर हाँ, तो सीताफल की खेती आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकती है। इस फल की माँग देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है। आइए जानते हैं सीताफल की खेती के बारे में विस्तार से।
सीताफल – एक धन की खान
सीताफल, जिसे शरीफा भी कहा जाता है, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर फल है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसकी खेती न केवल मुनाफेदार है बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
सीताफल की खेती कैसे करें?
सीताफल की सफल खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चुनाव महत्वपूर्ण है। दोमट मिट्टी जिसमें पानी अच्छी तरह से निकल सके, सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 5 से 7 के बीच होना चाहिए। सीताफल गर्म और हल्के तापमान में अच्छी तरह से उगता है। गर्मियों में नियमित रूप से पानी देना जरूरी है। कीटों से बचाव के लिए छिड़काव भी करें। एक सीताफल के पेड़ से सालाना लगभग 100 फल प्राप्त हो सकते हैं, जिसका वजन लगभग 50 किलो होता है।
पोषण का खजाना
सीताफल में आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन सी और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। न केवल फल, बल्कि इसके पत्ते भी विटामिन ए, सी, बी, आयरन और कैल्शियम से समृद्ध हैं। सीताफल डायबिटीज, मुँहासे और हृदय रोग जैसी समस्याओं में लाभकारी होता है।
कितना होगा मुनाफा?
सीताफल की भारत और विदेशों में अच्छी मांग है। इसकी औसत कीमत लगभग 8000 रुपये प्रति क्विंटल है। एक एकड़ में 200 से 300 पौधे लगाने पर आप सालाना लगभग 30 क्विंटल उत्पादन कर सकते हैं। इससे आपको अच्छा मुनाफा होगा।
सीताफल की खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छी है। यदि आप खेती में रुचि रखते हैं तो सीताफल आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।