शतावरी एक ऐसा सब्जी है जो अपने स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है. कहते हैं कि इसका सेवन करने वालों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वैसे तो ये बातें लोकोक्तियों पर आधारित हैं लेकिन ये निश्चित है कि शतावरी के फायदे ढेरों हैं.
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आयुर्वेद में शतावरी की जड़ों को पेट के लिए लाभदायक, कामोत्तेजक, टॉनिक और आंतों को सिकोड़ने वाला माना जाता है. इसका इस्तेमाल डायरिया, ट्यूमर, पित्त, रक्त और आंखों की बीमारियों, सूजन, गठिया और तंत्रिका तंत्र विकारों के इलाज में किया जाता है.
शतावरी की खेती कैसे करें?
अगर आप शतावरी की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लें. इसकी खेती पुरानी जड़ों और बीजों से की जा सकती है. बीजों से पौधे तैयार करने के लिए उन्हें नर्सरी में लगाया जाता है. एक हेक्टेयर खेत में शतावरी के पौधे लगाने के लिए 7 से 8 किलो बीजों की जरूरत होती है.
अगर आप चाहें तो नर्सरी से तैयार पौधे खरीदकर भी लगा सकते हैं या सीधे खेत में बीजों को बो सकते हैं. बुवाई के बाद कम से कम 1 से 1.5 साल बाद ये सब्जी तैयार हो जाती है.
मुनाफा कितना होगा?
बाजार में शतावरी की डिमांड लगातार बढ़ रही है और इसकी कीमत 70 से 80 रुपये किलो के आसपास चलती है. अगर आप इसकी खेती करते हैं तो अच्छी कमाई हो सकती है. एक एकड़ में इसकी खेती से आप लाखों रुपये कमा सकते हैं. एक एकड़ में लगभग 300 से 360 पौधे लग जाते हैं, जिन्हें बेचकर आप अपनी कमाई का अंदाजा लगा सकते हैं.
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ध्यान देने योग्य बातें
यह आर्टिकल सिर्फ आपको सामान्य जानकारी देने के लिए लिखा गया है. खेती शुरू करने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें. वो आपके इलाके की जलवायु और मिट्टी के हिसाब से सही मार्गदर्शन दे सकेंगे.