खरीफ में ताबड़तोड़ पकने वाली सोयाबीन की टॉप किस्मे ज्यादा पानी में भी फल्लियां भरेगी ठसाठस

By Karan Sharma

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खरीफ में ताबड़तोड़ पकने वाली सोयाबीन की टॉप किस्मे ज्यादा पानी में भी फल्लियां भरेगी ठसाठस

खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले ही किसानों को फसलों की किस्मों को चुनने की चिंता सताने लगती है. बाजार में सोयाबीन की कई किस्में उपलब्ध हैं, लेकिन ये उलझन पैदा कर देती हैं कि कौन सी किस्म बेहतर रहेगी? समय, मौसम और जमीन के हिसाब से कौन सी किस्म ज्यादा पैदावार देगी? तो चलिए आज हम आपको सोयाबीन की 5 उन्नत किस्मों के बारे में बताते हैं जो आपको अच्छी पैदावार दिलाने में मदद करेंगी.

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1. जेएस 2034 किस्म

अगर आप सोयाबीन की अच्छी पैदावार चाहते हैं तो जेएस 2034 किस्म की बुवाई कर सकते हैं. इस किस्म के दाने पीले रंग के होते हैं, फूल सफेद होते हैं और इसकी फलियां चपटी होती हैं. इसकी खास बात ये है कि कम बारिश वाली जगहों में भी इसकी बुवाई की जा सकती है. कम बारिश वाले इलाकों के लिए ये किस्म काफी फायदेमंद है. जेएस 2034 किस्म एक हेक्टेयर में लगभग 24-25 क्विंटल की पैदावार देती है. ये फसल 80-85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

2. मैक्स 1407 किस्म

मैक्स 1407 सोयाबीन की एक नई विकसित किस्म है. इसकी खेती असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी राज्यों में की जाती है. ये किस्म 39 क्विंटल तक की पैदावार देती है. साथ ही ये किस्म girdle beetle, leaf miner, leaf roller, stem fly जैसे प्रमुख कीटों के लिए प्रतिरोधी है. ये किस्म उत्तर-पूर्व भारत के वर्षा आधारित इलाकों के लिए उपयुक्त है. ये किस्म 104 दिनों में तैयार हो जाती है. इसके फूल सफेद, बीज पीले और बीज का काला निशान होता है. इसके दानों में तेल की मात्रा 19.81 प्रतिशत होती है.

3. जेएस 2069 किस्म

जेएस 2069 सोयाबीन की एक जल्दी पकने वाली किस्म है. इस किस्म की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 40 किलो बीज की आवश्यकता होती है. एक हेक्टेयर में इस किस्म से लगभग 22-26 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है. ये किस्म 85-86 दिनों में तैयार हो जाती है.

4. बीएस 6124 किस्म

इस किस्म की बुवाई के लिए 35-40 किलो बीज प्रति एकड़ की जरूरत होती है. पैदावार की बात करें तो एक हेक्टेयर में इस किस्म से लगभग 20-25 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है. ये किस्म 90-95 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म के फूल बैंगनी रंग के होते हैं और पत्तियां लंबी होती हैं. साथ ही इसके दानों में तेल की मात्रा 21 प्रतिशत होती है.

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5. एनआरसी 181 किस्म

एनआरसी 181 सोयाबीन की एक सीमित विकास वाली किस्म है. ये पीला मोज़ेक और टारगेट लीफ स्पॉट रोगों के लिए प्रतिरोधी है. इस किस्म की खेती भारत के मैदानी इलाकों में की जाती है. खासकर मध्य प्रदेश में, यह किस्म 93 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसकी औसत पैदावार 16-17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

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