उत्तर भारत की नदियों और नालों के किनारे मिलने वाली चीज को हम डायन काढ़ा (Witch’s Brew) कहते हैं. ये देखने में काफी खतरनाक लगती है, लेकिन असल में ये कोई खतरनाक चीज नहीं है. ये दरअसल एक खास तरह का मशरूम है जो घने जंगलों में पाया जाता है. ये मशरूम लगभग विलुप्त हो चुका है और बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है. तो चलिए जानते हैं इस खास मशरूम के बारे में.
डायन का कड़ा मशरूम का नाम
इस डायन के कढ़े को सरकोसोमा ग्लोबोसम (Sarcosoma globosum) मशरूम कहा जाता है. इसका रंग गहरा भूरा या काला होता है और इसकी सतह चमकदार और मखमली जैसी लगती है. इसके अंदर एक जिलेटिन जैसा पदार्थ होता है. इसका आकार गोल और थोड़ा बैरल जैसा होता है. इसका व्यास 5 से 10 सेंटीमीटर के बीच होता है.
क्या खाया जाता है डायन का कड़ा
जी हां, सब्जी की तरह दिखने वाला ये मशरूम खाया जाता है और इसके कई फायदे भी बताए जाते हैं. माना जाता है कि इसके सेवन से कुछ तरह के वायरस खत्म हो जाते हैं, सांस लेने में तकलीफ नहीं होती और इससे श्वसन संबंधी बीमारियां दूर रहती हैं. साथ ही दिल का दौरा और हृदय रोग का खतरा भी कम हो जाता है. इसके अलावा खून की कमी की समस्या भी दूर होती है. हालांकि, आजकल ये दुर्लभ मशरूम मिलना काफी मुश्किल हो गया है.