अगर नहीं हो रही बरसात कम पड़ रहा पानी तो कर ले इन किस्मो के धान की खेती कम खर्च में होगा ताबड़तोड़ उत्पादन

By Karan Sharma

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अगर नहीं हो रही बरसात कम पड़ रहा पानी तो कर ले इन किस्मो के धान की खेती कम खर्च में होगा ताबड़तोड़ उत्पादन

परंपरागत खेती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, धान की खेती देश के अधिकांश स्थानों पर की जाती है. लेकिन, धीरे-धीरे पानी की कमी होती जा रही है. ऐसे में सूखे की समस्या का सामना करने वाले किसानों के लिए धान की खेती मुश्किल हो जाती है. बारिश होने का इंतजार करना पड़ता है और फिर धान की खेती की जाती है.

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आज हम जानेंगे कि कम पानी में भी कौन सी धान की किस्में किसान लगा सकते हैं. ये किस्में कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती हैं क्योंकि इन्हें ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती. बेशक, धान की खेती के लिए पानी जरूरी है, लेकिन कम पानी में भी इन किस्मों को लगाकर किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. तो चलिए आज पांच बौनी धान की किस्मों के बारे में जानते हैं, जिन्हें सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी लगाया जा सकता है.

कम पानी में लगने वाली धान की किस्में

नीचे दिए गए बिंदुओं के अनुसार धान की 5 बौनी किस्मों के बारे में जानें:

1. पूसा बासमती 1509 (PB 1509): अगर कम पानी में 25 से 32 क्विंटल का उत्पादन देने वाली फसल लगाना चाहते हैं, तो किसान इस किस्म को लगा सकते हैं. यह पूसा बासमती-1509 का नवीनतम संस्करण है. इस पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि यह झोंका और ब्लास्ट दोनों के लिए प्रतिरोधी है. यही कारण है कि इसकी मांग बढ़ रही है. PB 1509 किस्म को पानी की कमी वाले क्षेत्रों में लगाया जा सकता है. यह धान अधिक उपज देता है. यह बौना भी है और इसकी गुणवत्ता अच्छी है. इसलिए यह धान भी बेहतरीन है.

2. पूसा बासमती पीबी-1886: इसके अलावा, धान की एक और बेहतरीन किस्म है, जिसका नाम पूसा बासमती पीबी-1886 है. यह धान 150 से 155 दिन में तैयार हो जाता है. यह धान भी झोंका और ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी है. इसकी खेती ज्यादातर हरियाणा और उत्तराखंड में की जाती है. जुलाई के महीने में इसकी बुवाई की जा सकती है. यदि इस किस्म की खेती एक हेक्टेयर में की जाए तो लगभग 50 क्विंटल की पैदावार प्राप्त होगी.

3. पूसा बासमती पीबी-1728: इसमें बताया गया है कि यह बैक्टीरियल ब्लाइट बीमारी से लड़ता है. इसकी खेती ज्यादातर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में की जाती है. अगर किसान एक एकड़ में खेती करते हैं, तो लगभग पांच किलो बीज की आवश्यकता होगी. इस तरह यह भी एक अच्छा विकल्प है.

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4. पूसा बासमती पीबी-1401: अगर किसान ज्यादा पैदावार लेना चाहते हैं तो पूसा बासमती पीबी-1401 लगा सकते हैं. क्योंकि यह 40 से 50 क्विंटल की उपज देता है. यह धान की एक बौनी किस्म है. इसे तैयार होने में 135 से 140 दिन लगते हैं. अगर किसान देर से खेती कर रहे हैं, तो यह किस्म अच्छी है. इसे पूरे जुलाई महीने में लगाया जा सकता है.

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