पारंपरिक खेती से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं फ़ार्मर भाई और वह भी कम लागत में ज़्यादा मुनाफे वाला? तो आज हम आपके लिए लाए हैं एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया, जिसे आप पारंपरिक खेती के साथ-साथ भी कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं पॉपलर की खेती की, जिससे किसान भाई समृद्धि की एक नई पहचान बना सकते हैं. इसकी लकड़ी बाजार में ऊंचे दामों में बिकती है. इसकी खेती करके आप भी अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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विदेशी बाजार में भी है Poplar की लकड़ी की डिमांड
इस पेड़ की खेती करने से आपको 5 से 6 साल में ही मुनाफा मिलने लगेगा. इस दौरान इन पेड़ों की लंबाई 60-80 फीट और मोटाई 3 से 4 फीट हो जाती है. यही कारण है कि पॉपलर का पौधा किसानों के बीच धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. अनुमान के मुताबिक, 1 एकड़ में 3 हज़ार पौधे लगाए जा सकते हैं. इस पेड़ की लकड़ी 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिक सकती है. 7 साल बाद आप इन पेड़ों को बेचकर लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. इसमें आपकी लागत zwar 20 लाख रुपये आएगी, लेकिन फिर भी आपको 1 करोड़ का मुनाफा होगा.
ऐसे होती है Poplar की खेती
पॉपलर की खेती में रोपाई का काम बारिश के मौसम में करना अच्छा माना जाता है. पौधों की रोपाई के लिए 18-20 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है. इसके अलावा पेड़ों की ग्रोथ के लिए कम से कम 10 डिग्री सेल्सियस और ज्यादा से ज्यादा 45 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त रहता है. इसके लिए मिट्टी दोमट उपजाऊ हो तो अच्छा रहता है, वहीं जमीन का pH 6-8 के बीच होना चाहिए. पौधों की रोपाई से पहले खेत की कम से कम 2 बार जुताई कर लें. इसके बाद खेत में पानी लगाएं और जब वह सूख जाए तो रोटावेटर की मदद से दो से तीन बार गुड़ाई कर के खेत को समतल कर लें. इससे पौधे आसानी से बढ़ पाते हैं. रोपाई से पहले खेत में अच्छी मात्रा में गोबर की खाद डालें. पौधों को 5-5 मीटर की दूरी पर लगाएं. पौधों की सिंचाई मौसम के हिसाब से नियमित रूप से करनी चाहिए. गर्मियों में 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें, वहीं सर्दियों में 20-25 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए.
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किस काम आती है Poplar की लकड़ी
पॉपलर के पेड़ की लकड़ी बहुत हल्की होती है, इसलिए यह छोटी चीजों के बनाने के लिए बेहतरीन मटेरियल है. इसके अलावा इससे कई तरह के प्लाईवुड, दरवाजे, बोर्ड, व्यावसायिक और घरेलू फर्नीचर, बैठने के सामान और औजार बनाए जाते हैं. विदेशों में इसकी लकड़ी की बहुत डिमांड है, इसलिए इसका निर्यात भी खूब होता है. यहाँ परिवहन के सामान, माचिस की तीलियां, क्रिकेट के बल्ले, विकेट, केमिकल बोर्ड, पेंचिल आदि भी बनाए जाते हैं. देश में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और बिहार में हजारों किसान Poplar की खेती करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.