भारत में आपने शायद ही कभी मसल फ़ार्मिंग के बारे में सुना होगा। लेकिन यह एक ऐसा व्यवसाय है जिससे आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। दरअसल, मसल एक प्रकार का समुद्री जीव है जिसकी विदेशों में काफी मांग है। आजकल इसे समुद्र के बीच में खंभे लगाकर पैदा किया जा रहा है।
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मसल फ़ार्मिंग कैसे करें?
मसल फ़ार्मिंग करना बहुत मुश्किल नहीं है। हर हरे मसल के शरीर से दो धाराएँ निकलती हैं जो प्रजनन की शुरुआत करती हैं। इसके अलावा, आस-पास में अन्य मसल होने और पानी में नमक की मात्रा कम होने से भी प्रजनन शुरू हो सकता है। एक मादा मसल औसतन 5 लाख अंडे देती है। निषेचन के बाद, अंडे से एक छोटा सा जीव बनता है जो लगभग 7-8 घंटों में तैरने लगता है। कुछ समय बाद, इस जीव का एक खोल बन जाता है। लगभग 7-8 महीनों में यह मसल पूरी तरह से विकसित हो जाता है।
मसल फ़ार्मिंग के लिए समुद्र का गहरा और साफ पानी सबसे अच्छा होता है। इसके लिए लंबी रस्सियों और राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इन रस्सियों पर छोटे मसल चिपकाए जाते हैं जो धीरे-धीरे बड़े हो जाते हैं। हालांकि, इस व्यवसाय में कुछ चुनौतियाँ भी हैं जैसे अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव। सबसे अच्छी जगह मसल फ़ार्मिंग के लिए सुरक्षित खाड़ी होती है।
मसल फ़ार्मिंग की लागत
मसल फ़ार्मिंग शुरू करने में लगभग 1 लाख रुपये की लागत आएगी। आपको समुद्र के बीच में फ़ार्म बनाना होगा, इसके लिए रस्सियाँ और अन्य सामग्री खरीदनी होगी। मसल निकालने के लिए मशीन का इस्तेमाल करने से खर्च बढ़ जाएगा, लेकिन इससे काम आसान हो जाएगा। अगर आप हाथ से मसल निकालेंगे तो लागत कम आएगी लेकिन समय ज्यादा लगेगा।
मसल की काफी मांग है और इसकी कीमत अच्छी मिलती है। इसलिए, थोड़ी मेहनत और निवेश के साथ आप मसल फ़ार्मिंग से अच्छी कमाई कर सकते हैं।