हीमोग्लोबिन का बैंक है ये फल शरीर के हर कोने में भरता है आयरन कमाई भी होती गचापेल जाने नाम

By Ankush Barskar

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हीमोग्लोबिन का बैंक है ये फल शरीर के हर कोने में भरता है आयरन कमाई भी होती गचापेल जाने नाम

नाशपाती एक मौसमी फल है, जो अपने कई फायदों के लिए जाना जाता है. यह फाइबर से भरपूर होता है. इसके अलावा, नाशपाती आयरन का भी अच्छा स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है. इसका सेवन शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी कम करता है. यही कारण है कि लोग इसे खाना पसंद करते हैं और बाजार में इसकी मांग भी काफी रहती है.

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नाशपाती की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (Suitable Soil for Pear Cultivation)

नाशपाती की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और गहरी मिट्टी की आवश्यकता होती है. कुल मिलाकर, नाशपाती की खेती के लिए ऐसी मिट्टी की जरूरत होती है, जिससे पानी आसानी से निकल जाए. हालांकि, इसे थोड़ी चिकनी और जलवाही मिट्टी में भी उगाया जा सकता है.

नाशपाती की किस्में (Types of Pears)

राज्य सरकार किसानों को फलों के पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने में कड़ी मेहनत कर रही है. नाशपाती का सेवन करके कुपोषण को काफी हद तक दूर किया जा सकता है. आलू और शीतोष्ण फल अनुसंधान केंद्र ने नाशपाती की विभिन्न किस्मों के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि सभी प्रजातियों के मूल्यांकन के बाद पाया गया कि कुछ अच्छी किस्में हैं जो अधिक फल देती हैं, जैसे कि पंथनगर पंजाब नाख, पंजाब गोल्ड, पंजाब नेक्टर, पंजाब ब्यूटी और باغगोसा (Bagugosa).

खाद और सिंचाई (Fertilizer and Irrigation)

सेब की तरह नाशपाती की खेती के लिए भी गोबर और खाद का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खेती के लिए साल भर में 75 से 100 सेंटीमीटर बारिश की जरूरत होती है. रोपाई के बाद इसे नियमित रूप से सींचाई की आवश्यकता होती है. गर्मियों में 5 से 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें.

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उत्तर प्रदेश नाशपाती के लिए अच्छा बाजार (UP is a Good Market for Pears)

नाशपाती की खेती में कोई परेशानी नहीं है. जून के पहले हफ्ते से सितंबर के मध्य तक जो फल मिलते हैं, उन्हें दूसरे प्रदेशों से लाया जाता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसके कुछ बाग हैं. लखनऊ में इसे उत्तराखंड या कश्मीर से लाकर बेचा जाता है. दूसरे प्रदेशों से लाए जाने के बाद भी यह कई दिनों तक हरा रहता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर यहां इसके पेड़ लगाए जाएं तो फल पकने तक इंतजार किया जा सकता है. यहां जो फल बेचे जाते हैं वो कच्चे होते हैं. उत्तर प्रदेश में इसकी अच्छी खपत होती है. एक नाशपाती के पेड़ से एक से दो क्विंटल फल प्राप्त होते हैं. इस बात की संभावना है कि यहां की मिट्टी नाशपाती उगाने के लिए काफी उपयोगी हो सकती है.

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