सूर्य की रोशनी से चलने वाली आटा चक्की, जिसे सोलर आटा चक्की के नाम से जाना जाता है, एक नया और पर्यावरण के अनुकूल आविष्कार है। यह पारंपरिक आटा चक्कियों से काफी अलग है, जो बिजली या डीजल से चलती हैं।
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सोलर आटा चक्की सूर्य की किरणों से बिजली पैदा करती है, जिससे आटा पीसा जाता है। इससे चक्की मालिकों को बिजली या डीजल के खर्च से मुक्ति मिल जाती है और वे अपने ग्राहकों को सस्ता और शुद्ध आटा उपलब्ध करा सकते हैं।
सोलर आटा चक्की के मुख्य भाग
सोलर आटा चक्की के मुख्य रूप से 6 भाग होते हैं:
- आटा चक्की (Flour Mill)
- मोटर (Motor)
- सोलर पैनल (Solar Panel)
- सोलर ड्राइव (Solar Drive)
- सोलर पैनल स्टैंड (Solar Panel Stand)
- वायरिंग (Wiring)
इन सभी भागों में से सबसे ज्यादा खर्चा सोलर पैनल का आता है, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये (Rs 1,50,000) होती है। हालांकि, यह एकमुश्त खर्च है, इसके बाद आपको लंबे समय तक बिजली का बिल नहीं भरना पड़ता।
सोलर आटा चक्की के फायदे और मुनाफा
- आर्थिक लाभ: सोलर आटा चक्की से आप रोजाना 10 से 15 क्विंटल तक आटा पीस सकते हैं, जिससे आपको 2000 से 2500 रुपये तक का मुनाफा हो सकता है। साथ ही, बिजली के खर्च में भी बचत होती है।
- शुद्ध और मिलावट रहित आटा: सोलर आटा चक्की से आप अपने ग्राहकों को ताजा और मिलावट रहित आटा उपलब्ध करा सकते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाता है।
- पर्यावरण संरक्षण: सोलर आटा चक्की प्रदूषण नहीं फैलाती है, क्योंकि यह चलाने के लिए सूर्य की रोशनी का उपयोग करती है। इससे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
- बिजली कटौती से मुक्ति: सोलर आटा चक्की चलाने के लिए सिर्फ धूप की जरूरत होती है। इससे आपको बिजली कटौती की समस्या से भी निजात मिल जाता है।
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हालांकि सोलर पैनल की शुरुआती लागत थोड़ी ज्यादा है, लेकिन लंबे समय में यह काफी फायदेमंद साबित होती है। यह न सिर्फ बिजली के खर्च को कम करती है, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मदद करती है।