25 करोड़ से अधिक की योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट जाने पूरा मामला मई में जहां सूरज आग उगल रहा है वहीं भूजलस्तर लगातार लुढ़कता जा रहा है। ट्यूबवेल और हैंडपंपों ने दम तोड़ दिया है। लोग पानी की मशक्कत में जुटे हुए हैं। ऐसे में नगर परिषद के द्वारा नलजल योजना के माध्यम से दो दिनों में एक बार 35 मिनट पानी वह भी कम प्रेशर से सप्लाई किया जा रहा है। नवीन पेयजल योजना से पानी की सप्लाई शुरू होने के बाद दावा तो 24 घंटे पानी की सप्लाई का था, किंतु वर्तमान में 2,3 दिनों में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही हैं। वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही हैं। इसके चलते गर्मी में लोगों को पेयजल संकट झेलना पड़ रहा हैं। निजी संपवेल में न पानी खत्म होने के बाद पीने के पाने के के लिए दूर-दूर भटकना पड़ रहा हैं।
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17 जून 2017 से मल्टी अर्बन कंपनी द्वारा नगर में 25 करोड़ की लागत से न पेयजल पाइप लाइन डालने का कार्य को कर रही हैं, किंतु कंपनी अभी तक २ पर्याप्त मात्रा में पानी की सप्लाई नहीं इं कर पा रही है। नगरीय क्षेत्र में ऐसे र अलग-अलग क्षेत्र के 350 से 400 घर ऐसे हैं जहां पर पेयजल को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं बनाई है। यहां की एक दो किलोमीटर दूरी पर महिलाएं और युवतियां सुबह शाम हैंडपंप और और टैंकरों टैंकरों पर एक घड़ा पानी भरने को लाइन लगा रही हैं। उनके साथ में छोटे बच्चे भी धूप में तप रहे हैं। तब कहीं जाकर परिवार को पानी मिल रहा है। निजी टैंकरों के माध्यम से प्रतिदिन 200 से 300 रुपए खर्च कर पानी खरीद रहे हैं।
वर्तमान में योजना के ये है हालात
मल्टी अर्बन कंपनी के द्वारा नगर में क्रियान्वित की जा रही पेयजल योजना में वर्तमान में 2 से 3 दिनों में पेयजल सप्लाई किया जा रहा है। योजना के तहत नगर के अधिकांश क्षेत्र में पानी नहीं पहुंच रहा है जिससे लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। योजना का संचालन 10 सालों तक कंपनी को करना है किंतु नगर परिषद के कर्मचारी पेयजल सप्लाई कर रहे हैं। हालात यह है कि नगर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पर अभी तक पाइप लाइन ही नहीं डाली गई है।
चित्र : सुसनेर में पेयजल योजना का फिल्टर प्लांट सिर्फ बच्चो के देखने का बनकर रह गया शोपीस, नही बुझ रही नगरवासियों की प्यास।